लखनऊ, 2 अगस्त . उत्तर प्रदेश में हालिया बाढ़ की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए अपने मंत्रियों की एक विशेष ‘टीम-11’ का गठन किया है. यह टीम बाढ़ प्रभावित 12 जनपदों में राहत कार्यों की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि कोई भी पीड़ित सहायता से वंचित न रह जाए.
Chief Minister ने स्पष्ट किया कि यह समय संवेदनशीलता, तत्परता और पारदर्शिता के साथ कार्य करने का है. State government हर नागरिक की सुरक्षा, भोजन, आवास और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी पूरी प्रतिबद्धता से निभाएगी. उन्होंने दो टूक कहा कि राहत कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. Chief Minister ने निर्देश दिया कि सभी प्रभारी मंत्री तत्काल अपने-अपने जिलों का दौरा करें, राहत शिविरों का निरीक्षण करें और प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद स्थापित कर जमीनी स्थिति की समीक्षा करें. जिलों के डीएम, एसपी, सीएमओ सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में रहें और 24×7 निगरानी व्यवस्था सक्रिय रखें.
Chief Minister ने तटबंधों की चौबीसों घंटे निगरानी, जलभराव वाले गांवों से पानी की शीघ्र निकासी, एवं राहत शिविरों में भोजन, दवा, शौचालय, साफ-सफाई तथा महिलाओं व बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. Chief Minister ने कहा कि राहत सामग्री और भोजन पैकेट की आपूर्ति समयबद्ध और गुणवत्तायुक्त होनी चाहिए. किसी भी स्थिति में खाद्यान्न की गुणवत्ता या मात्रा से समझौता न किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं, जहां नदी के कटाव से भूमि का नुकसान हुआ है या फिर जिन परिवारों की गृहस्थी का सामान नष्ट हो गया है, ऐसे सभी मामलों में 24 घंटे के भीतर सहायता राशि प्रदान की जाए.
उन्होंने निर्देश दिया कि यह सहायता स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता के माध्यम से ही वितरित की जाए ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे और लाभार्थियों तक मदद समय पर पहुंचे. Chief Minister ने पशुधन की सुरक्षा को भी प्राथमिकता बताया. उन्होंने कहा कि जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, वहां पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और वहां चारे तथा पशु चिकित्सा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.
Chief Minister ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के सभी चिकित्सालयों में एंटी स्नेक वेनम और एंटी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सर्पदंश जैसी स्थितियों में एक भी पीड़ित हो, तो उसका इलाज त्वरित और प्रभावी ढंग से किया जाना चाहिए. Chief Minister ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि राहत आयुक्त द्वारा जारी अर्ली वार्निंग अलर्ट को संबंधित जनपदों की आम जनता तक तत्काल पहुंचाया जाए. सभी संबंधित विभाग आपदा प्रबंधन के प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें. शहरी क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए नालों की सफाई और पंपिंग स्टेशनों को क्रियाशील रखा जाए.
उन्होंने पंपिंग स्टेशन के संचालन हेतु वैकल्पिक विद्युत आपूर्ति के लिए जनरेटर की भी व्यवस्था करने को कहा. Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि किसानों की फसलों का त्वरित सर्वेक्षण कराया जाए और राजस्व एवं पंचायतीराज विभाग के माध्यम से सहायता वितरण की प्रक्रिया को तेज व पारदर्शी बनाया जाए. साथ ही, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं पीएसी की फ्लड यूनिट्स की तैनाती के माध्यम से राहत कार्यों को प्रभावशाली रूप से संचालित किया जाए.
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की अफवाह या भ्रामक सूचना पर त्वरित सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, जिससे जनता में भ्रम न फैले और संकट काल में संचार तंत्र सशक्त बना रहे. Chief Minister ने कहा कि यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि बाढ़ से किसी भी जनपद में जनहानि न हो. इस दिशा में प्रत्येक जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निकाय और ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारी आपसी समन्वय और संवाद से कार्य करें.
उन्होंने कहा कि Chief Minister हेल्पलाइन एवं इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के माध्यम से जनता से सतत संपर्क बना रहे. राहत कार्यों के दौरान सभी अधिकारियों एवं कर्मियों का व्यवहार शालीन, संवेदनशील और मानवीय हो, जिससे पीड़ितों को मानसिक संबल मिले. Chief Minister ने निर्देशित किया है कि सभी 12 बाढ़ प्रभावित जिलों की उच्चस्तरीय निगरानी की जाए और Chief Minister कार्यालय को नियमित रूप से अपडेट जानकारी भेजी जाए.
उन्होंने कहा कि यह संकट की घड़ी पूरे सरकारी तंत्र की एकजुटता और तत्परता की परीक्षा है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह खरी उतरेगी. बाढ़ प्रभावित जनपदों एवं प्रभारी मंत्रियों में (टीम-11) प्रयागराज- नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, जालौन- स्वतन्त्र देव सिंह एवं संजय गंगवार, औरैया- स्वतन्त्र देव सिंह एवं प्रतिभा शुक्ला, हमीरपुर- रामकेश निषाद, आगरा- जयवीर सिंह, मीरजापुर- नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, वाराणसी- सुरेश खन्ना, कानपुर देहात- संजय निषाद, बलिया- दया शंकर मिश्रा ‘दयालु’, बांदा- नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, इटावा- धर्मवीर प्रजापति और फतेहपुर- अजीत पाल शामिल हैं.
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विकेटी/एएस