भोपाल, 7 जनवरी . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में हुई सिंहस्थ-2028 की मंत्रिमंडलीय समिति की द्वितीय बैठक को संबोधित करते हुए कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सिंहस्थ-2028 में उज्जैन और इंदौर संभाग गतिविधियों के मुख्य केंद्र रहेंगे. इन संभागों में दो ज्योतिर्लिंग होने से श्रद्धालुओं का आवागमन तथा धार्मिक गतिविधियां तुलनात्मक रूप से अधिक होंगी.
उन्होंने निर्देश दिया कि इंदौर-उज्जैन संभाग में जारी विभिन्न विभागों के कार्य समय-सीमा में पूर्ण हों, यह मॉनिटरिंग प्रत्येक 15 दिन में सुनिश्चित करें. सक्षम स्तर के अधिकारी बैठक कर, कार्यों की प्रगति की समीक्षा करें. ऐसे विषय जिनमें उच्च स्तर से समन्वय या मार्गदर्शन आवश्यक है, वे विषय राज्य शासन के संज्ञान में लाए जाएं. निर्माण एजेंसियों को सौंपे गए कार्यों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग सुनिश्चित कर विलंब के कारणों का तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया जाए.
उन्होंने कहा कि अधोसंरचना से संबंधित जिन कार्यों के निर्माण में अधिक समय लगना है, उन सबकी मंत्रिमंडलीय समिति से स्वीकृति प्राप्त करने और निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने का कार्य मार्च-2025 तक कर लिया जाए. जलप्रदाय, सीवरेज के कार्य तत्काल आरंभ किए जाएं. इसके साथ ही उज्जैन तथा इंदौर जिलों में बस अड्डों की क्षमता वृद्धि या नवीन बस अड्डों के विकास की कार्ययोजना भी मार्च-2025 तक तैयार की जाए. सिंहस्थ – 2028 के लिए समस्त विभागों के अधोसंरचनात्मक कार्यों की कार्ययोजना को सितंबर 2025 तक अंतिम रूप दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ-2028 की व्यवस्थाओं को श्रेष्ठतम स्वरूप देने के लिए प्रयागराज कुंभ के साथ ही हरिद्वार कुंभ मॉडल का अध्ययन भी किया जाएगा. प्रयागराज कुंभ पूर्ण होने के बाद क्रॉउड मैनेजमेंट, ड्रोन सर्वे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग तथा अन्य गतिविधियों में लगी कंपनियों व स्टार्टअप का उज्जैन में सम्मेलन आयोजित कर बेस्ट प्रैक्टिसेस का क्रियान्वयन सिंहस्थ-2028 में करने की कार्य योजना बनाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के आवागमन में सुगमता के लिए रेलवे से समन्वय के उद्देश्य से विशेष सेल गठित करने के निर्देश दिए. घाटों तक श्रद्धालुओं के आसानी से आवागमन के लिए उपयुक्त पहुंच मार्ग विकसित किए जाएं. उज्जैन, इंदौर और देवास में होने वाले निर्माण कार्यों में सीवरेज, स्वच्छता और हरियाली का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए. पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से धर्मशालाओं के उन्नयन के लिए भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. सिंहस्थ-2028 को देखते हुए, आवश्यकतानुसार विभागों में प्रशासकीय संरचनाओं का विस्तार तत्काल किया जाए.
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिंहस्थ, सदियों पुरानी सनातन परंपरा को जीवंत करने का उत्सव है. सिंहस्थ-2028 में पधार रहे श्रद्धालुओं के आवागमन और उनकी सुविधाजनक आवास व्यवस्था के लिए इंदौर, उज्जैन और देवास क्षेत्र में समन्वित रूप से व्यवस्थाएं विकसित की जाएं.
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