दमोह, 24 जून . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
उन्होंने कहा कि लगभग 500 साल पहले भारत में रानी दुर्गावती के रूप में ऐसी वीरांगना ने जन्म लिया, जिन्होंने न केवल भारत का मान बढ़ाया, बल्कि गोंडवाना राज्य में चार चांद लगाकर इतिहास में अमर हो गईं. जंग के मैदान में उन्होंने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए. संग्राम ताल, आधार ताल जैसी उनकी उत्कृष्ट रचनाएं जन-जन के हृदय में विशेष स्थान रखती हैं. उनके शासन का अमिट काल सदैव इतिहास के पन्नों में दर्ज रहेगा.
उन्होंने कहा कि दुर्गावती के शासन को जानने के लिए हमने प्रदेश में हर साल 5 लाख के पुरस्कार की घोषणा भी की है. 5 अक्टूबर को उनकी 500वीं जन्म जयंती के अवसर पर प्रदेश में लगातार कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे. हमारी सरकार इस तीर्थ स्थल को विश्व पर्यटन के रूप में पूरी दुनिया के समक्ष लाने का काम करेगी.
वीरांगना रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 को हुआ था. दमोह जबलपुर स्टेट हाईवे पर संग्रामपुर गांव में रानी दुर्गावती प्रतिमा स्थल से 6 किलोमीटर की दूरी पर रानी दुर्गावती का सिंगौरगढ़ का किला है. यह स्थान रानी दुर्गावती की राजधानी थी.
रानी दुर्गावती अपने 16 सालों के लंबे शासनकाल में 51 युद्धों में अपराजेय रहीं. अकबर की सेना ने उन पर तीन बार आक्रमण किया था, लेकिन रानी ने तीनों बार उन्हें पराजित कर दिया. 24 जून 1564 को रानी दुर्गावती ने अंतिम सांस ली.
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एसएम/एबीएम