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जम्मू, 30 अगस्त . जम्मू-कश्मीर के Chief Minister उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ जिले के वरवन क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान पर गहरी चिंता और दुख व्यक्त किया है.
Chief Minister ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जाए, क्षतिग्रस्त संपर्क मार्गों को तुरंत बहाल किया जाए और ऊपरी इलाकों में रह रहे बकरवाल समुदाय तक पहुंचकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
इधर, किश्तवाड़ के उपायुक्त और वरिष्ठ Police अधीक्षक (एसएसपी) मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं.
इससे पहले रियासी और रामबन जिलों में Friday रात बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग लापता हैं.
राज्य Government के अधिकारियों के अनुसार, रियासी जिले के महोर क्षेत्र के बद्दर गांव में भारी बारिश के बाद भूस्खलन से एक कच्चा मकान मलबे में दब गया. इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक दंपति और उनके पांच बच्चे शामिल हैं. मृतकों की पहचान नजीर अहमद (38), उनकी पत्नी वजीरा बेगम (35), और उनके बच्चे बिलाल अहमद (13), मोहम्मद मुस्तफा (11), मोहम्मद आदिल (8), मोहम्मद मुबारक (6) और मोहम्मद वसीम (5) के रूप में हुई है.
वहीं, रामबन जिले के राजगढ़ क्षेत्र में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें कुछ मकान पूरी तरह बाढ़ के पानी में बह गए.
प्रशासन ने बताया कि प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं. लापता लोगों की तलाश के लिए टीमें लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं. विस्थापित परिवारों के लिए अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां भोजन, पानी और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई है.
बचाव अधिकारियों ने कहा कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त टीमें भी तैनात की जाएंगी. लगातार बारिश से नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
गौरतलब है कि इस महीने जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की कई घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है.
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डीएससी/