देहरादून, 3 अगस्त . उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को देहरादून के मोथरोवाला पहुंचे. यहां वह प्रदेश के लोकपर्व ‘हरेला’ के उपलक्ष्य में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत शामिल हुए. मुख्यमंत्री धामी ने लोकपर्व के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों के साथ पौधरोपण भी किया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी के साथ हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधायक विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज मोथरोवाला में आयोजित कार्यक्रम में सभी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश में हरेला पर्व मनाया जा रहा है. सनातन संस्कृति में प्रकृति को मां के रूप में पूजे जाने की परंपरा है. हम किसी न किसी रूप में प्रकृति का पूजन करते हैं. हरेला पर्व भी प्रकृति की सेवा का पर्व है. उन्होंने कहा कि हमारी धरोहर एवं प्रकृति का संरक्षण जरूरी है.
सीएम धामी ने कहा, देहरादून शहर में सुगम यातायात, बाजार क्षेत्र का विकास किया जा रहा है. 72 करोड़ रुपये की लागत से मेंहुवाला क्लस्टर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति हेतु कार्य जारी है. क्षेत्र में 600 करोड़ रुपये की लागत से देहराखास, विद्याविहार, बिंदाल नदी से रिस्पना नदी के क्षेत्र के बीच व अन्य क्षेत्र में सीवर लाइन एवं ड्रेनेज का कार्य गतिमान है. रेस्टकैंप एवं भंडारीबाग फ्लाईओवर पर 37 करोड़ रुपये की लागत से कार्य हो रहा है.
उन्होंने कहा कि देहरादून के मोथरोवाला क्षेत्र में नमामि गंगे परियोजना के तहत 15 एमएलडी की क्षमता से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य हो रहा है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, हमारी सनातन संस्कृति में प्रकृति को मां के रूप में पूजे जाने की परंपरा रही है और हरेला पर्व भी प्रकृति की सेवा से जुड़ा है. हम सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़ते हुए पौधारोपण करके पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी अवश्य सुनिश्चित करनी चाहिए.
सीएम ने कहा, हमारी सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बसे शहरों की धारण क्षमता का आकलन किया जा रहा है और भविष्य में इसी के आधार पर इन क्षेत्रों का विकास किया जाएगा.
वहीं इस अवसर पर हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, हरेला पर्व पूरे राज्य में सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. उत्तराखंंड के लोक पर्व ने व्यापक स्वरूप ले लिया है, समाज ने इस पर्व को स्वीकार किया है. हमें अपने और आने वाली पीढ़ी के लिए पौधारोपण करना है. जंगलों की आग के लिए पेड़ों को दोष देना गलत है, पेड़ों की रक्षा हम सभी का कर्तव्य है.
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, मथुरावाला में ही आज से लगभग चार साल पहले हरेला महापर्व पर यहां प्रवाहित रिस्पना नदी के किनारे वृहद पौधरोपण का हमें सौभाग्य प्राप्त हुआ. आज वह भाग जंगल में बदल चुका है. ज़ब भी यहां से गुजरना होता है, तो मन आनंदित हो उठता है. वृक्ष लगाना ही हमारा उदेश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि बड़े होने तक उसके संरक्षण का भी हमें संकल्प लेना है.
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स्मिता/