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अमनौर, 1 नवंबर . बिहार के अमनौर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए Maharashtra के Chief Minister देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं हाल ही में संपन्न हुए छठ पर्व की भी शुभकामनाएं देता हूं. मैं यह बताना चाहता हूं कि सिर्फ आपने ही छठ नहीं मनाया, बल्कि मैंने भी Mumbai में अपने बिहार के भाइयों के साथ यह महापर्व मनाया.
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने समुद्र के किनारे चौपाटी पर तीन लाख बिहारी भाइयों के साथ छठ पर्व मनाया. छठी मैया की पूजा की और सूर्य देव को अर्घ्य दिया है. एक जमाना था जब Maharashtra में कुछ लोग कहते थे कि हम Mumbai में छठ पर्व नहीं मनाने देंगे, लेकिन जब से भाजपा और एनडीए की Government आई, पूरी शान के साथ Mumbai में छठ महापर्व मनाया जाता है.
उन्होंने कहा कि हमने कहा Mumbai में नहीं तो क्या Pakistan में छठ मनाया जाएगा? Mumbai में जो छठ पर पाबंदी लगाने की बात करते थे, वो बिहार में आज तेजस्वी के साथ कंधे से कंधे मिलाने का काम कर रहे हैं. यह बिहार के लोगों का अपमान है.
उन्होंने कहा कि बिहार के विकास को आज कोई रोक नहीं सकता. Prime Minister Narendra Modi और Chief Minister नीतीश कुमार ने पिछले पांच सालों में बिहार में जिस तरह से सड़कों का जाल बिछाया, स्कूल-कॉलेज बनाए, पुल बनाए और अस्पताल बनाए, उससे बिहार का समग्र विकास हुआ है.
बिहार में अब यह विकास की धारा रुकेगी नहीं. एक तरफ Prime Minister मोदी का विकास है और दूसरी तरफ जंगलराज है. यह उम्मीदवारों के भविष्य का नहीं, आपके भविष्य का चुनाव है. आपकी एक गलती से बिहार में जंगलराज आ सकता है.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह चुनाव किसी एक प्रत्याशी की जीत-हार का चुनाव नहीं है, बल्कि इस चुनाव से यह तय करना है कि बिहार किसके हाथ में रहेगा. यह बिहार 15 सालों तक जंगलराज फैलाने वाले हाथों में रहेगा, या 20 साल तक सुशासन देने वाले एनडीए के हाथ में रहेगा.
उन्होंने कहा कि यह चुनाव बिहार का भविष्य तय करने का चुनाव है. ये चुनाव सुशासन बनाम जंगलराज का चुनाव है. उन्होंने लोगों पर विश्वास जताते हुए कहा कि गोपालगंज वालों ने साल 2002 के बाद कभी भी यहां राजद को नहीं जिताया है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी ये रिकॉर्ड को आगे बढ़ाएंगे.
अमित शाह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार और पीएम Narendra Modi ने बिहार के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. एनडीए के पांचों दल पांडव की तरह एक साथ मिलकर इस चुनाव के मैदान में उतरे हैं, जबकि दूसरी ओर महाठगबंधन में इतनी लड़ाई है कि वे हमारे खिलाफ चुनाव लड़ने की जगह अंदर-अंदर ही एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं.
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एमएस/डीकेपी