छत्तीसगढ़ : कांग्रेस नेता कवासी लखमा सात दिन की रिमांड पर

रायपुर, 15 जनवरी . छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा को बुधवार को बड़ा झटका लगा. ईडी की मांग पर रायपुर कोर्ट ने उन्हें सात दिन की रिमांड पर भेज दिया है. शराब घोटाला ईडी ने आज ही उन्हें गिरफ्तार किया गया था और अब ईडी टीम उनसे पूछताछ करेगी.

कवासी लखमा पर आरोप है कि उन्होंने शराब घोटाले से जुड़ी कई अनियमितताओं में अपनी भूमिका निभाई. ईडी की टीम ने कोर्ट से उनके रिमांड की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर दिया. कोर्ट ने लखमा को 21 तारीख तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. इस दौरान ईडी की टीम कवासी लखमा से शराब घोटाले के बारे में पूछताछ करेगी. माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे हो सकते हैं.

ईडी के अधिवक्ता डॉ. सौरभ पांडे ने मीडिया को बताया कि शराब घोटाले की जांच के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण सबूत हमारे पास आए हैं. इनमें अरविंद सिंह का सेक्शन 50 के तहत लिया गया बयान शामिल है, जिसमें उसने बताया कि शराब कार्टल से कवासी लखमा को हर महीने 50 लाख रुपये का भुगतान किया जाता था. साथ ही अरुण पति त्रिपाठी की गवाही में भी यह पुष्टि हुई कि और भी राशि लगभग 1.5 करोड़ रुपये शराब कार्टल से प्राप्त होती थी. इस जानकारी के आधार पर यह माना गया है कि इस घोटाले की अवधि 36 महीने तक चली और कुल प्राप्‍त राशि करीब 72 करोड़ रुपये रही.

उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे की जांच में एक्साइज अधिकारियों इक़बाल खान और जैन देवांगन ने भी पुष्टि की कि ये लोग पैसे का बंदोबस्त करते थे और कन्हैया लाल कुर्रे के माध्यम से यह पैसा सीधे भेजा जाता था. इसके अलावा एक महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि जब जगन्नाथ साहू और उनके बेटे के यहां छापेमारी की गई, तो कुछ डिजिटल सबूत मिले. इन डिजिटल सबूतों के विश्लेषण से यह खुलासा हुआ कि जो दो करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा था, वह इन पैसों का इस्तेमाल साहू के बेटे का घर बनाने और कांग्रेस भवन बनाने में किया गया.

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि इन लोगों ने अवैध धन को संपत्ति के रूप में छिपाने की कोशिश की. प्रारंभिक जांच के आधार पर यह मामला धन शोधन के अपराध के तहत आता है. चूंकि जांच के दौरान इन्‍होंने असहयोग क‍िया और यह संभावना जताई जा रही थी कि वह साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. हम 14 दिन की रिमांड की मांग कर रहे थे, लेकिन न्यायालय ने उन्हें 21 जनवरी तक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है. हम आगे भी अपनी जांच जारी रखेंगे और अगर कोई और साक्ष्य प्राप्त होते हैं, तो उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.

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