नई दिल्ली, 28 दिसंबर . लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के किनारे छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा का 26 दिसंबर 2024 को अनावरण किया गया.
लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला, एससी, एसएम, वीएसएम, जीओसी फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स और मराठा लाइट इन्फेंट्री के कर्नल ने प्रतिमा का अनावरण किया. यह प्रतिमा 14,300 फीट की ऊंचाई पर स्थापित की गई है. यह आयोजन भारतीय शासक की अडिग भावना का उत्सव है, जिनकी विरासत पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है.
उद्घाटन समारोह में लद्दाख प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्ति, सैन्य अधिकारी और स्थानीय नेता शामिल हुए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 30 फीट से ज्यादा ऊंची यह प्रतिमा मराठा योद्धा की विरासत को सम्मान देने के लिए बनाई गई, जिन्हें उनकी सैन्य शक्ति, प्रशासनिक कौशल और न्यायपूर्ण तथा समतावादी समाज को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाता है. पैंगोंग त्सो के लुभावने और रणनीतिक परिदृश्य में स्थित, यह प्रतिमा देश के दूरदराज और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का जश्न मनाने के एक बड़े प्रयास के हिस्से के रूप में स्थापित की गई है.
अपनी अद्भुत सुंदरता और सामरिक महत्व के लिए मशहूर पैंगोंग त्सो अब महान राजा को समर्पित इस स्मारकीय श्रद्धांजलि का घर बन गया है. ऊंचाई पर स्थित यह प्रतिमा देश के गौरव और अपनी संप्रभुता की रक्षा करने की ताकत को दर्शाती है, खासकर उत्तरी सीमा के चुनौतीपूर्ण इलाकों में.
यह प्रतिष्ठान पर्यटकों, सैन्य कर्मियों और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक प्रमुख आकर्षण होगा, जिससे भारत की सांस्कृतिक और सैन्य विरासत के मानचित्र पर इस क्षेत्र का महत्व और अधिक मजबूत होगा.
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एफजेड/एकेजे