दिल्ली, पटना और हरिद्वार में छठ व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

पटना, 7 नवंबर . देशभर में लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन गुरुवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया. बिहार की राजधानी पटना के गंगा घाट पर छठ व्रतियों की भीड़ दिखाई दी और उन्होंने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया.

छठ व्रती कल्पना कुमारी ने को बताया कि मैं पिछले कई सालों से छठ का व्रत रख रही हूं. आज मैंने छठी मैया से मन्नत मांगी है. बीमारी के बावजूद छठी माता के आशीर्वाद से व्रत रखा है.

छठ व्रती रीमा देवी ने कहा, “मैं पिछले दो साल से छठ व्रत रख रही हूं, इससे पहले मेरे पति ये व्रत रखते थे. जब उन्होंने इसे छोड़ा तो मैंने छठ व्रत रखना शुरू किया. हम लोगों को आदित्य देव से ही इस व्रत को रखनी की शक्ति मिलती है. हमारा ये व्रत बिना किसी परेशानी के आसानी से हो जाता है. इस दौरान हम लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है.”

पटना के गंगा घाट पर आई महिला संध्या देवी ने बताया कि मेरी मां हर साल छठ का व्रत करती हैं और इस पर्व को खुशी के साथ मनाते हैं.

वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में छठ महापर्व की धूम दिखाई दी. छठ व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया.

महिला वीना देवी ने बताया कि इस बार छठ पर्व को लेकर अच्छे इंतजाम किए गए हैं. हर कोई इस महापर्व को अच्छे से मना रहा है और सभी लोगों में एक खुशी का माहौल भी है.

दुर्गा देवी ने कहा कि आज महापर्व मनाया जा रहा है और हम लोग छठी मैया से जो भी मांगते है, वह हमें मिलता है. इस महापर्व को लेकर लोगों में खुशी का माहौल है.

वहीं, रीता देवी ने बताया कि छठ एक महापर्व है और इस अवसर पर छठी मैया से जो भी मांगते है, वो पूरा होता है.

इसके अलावा उत्तराखंड के हरिद्वार के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. छठ व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया.

छठ व्रती रेखा महतो ने कहा कि हमारे लिए छठ का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है. साल भर से ही इस पर्व का इंतजार किया जाता है और खरना से इसकी शुरुआत होती है. पूरी दुनिया में सिर्फ बिहार के लोग ही हैं, जो डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं और शुक्रवार को इस पर्व का आखिरी दिन है. शुक्रवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस पर्व पर छठ व्रती महिलाएं पूरे विश्व के लिए मंगल कामना करती हैं.

छठ व्रती कृष्णा देवी ने बताया कि मेरी मनोकामना पूरी हुई थी, इसके बाद से ही छठ का व्रत रखना शुरू किया. छठी मैया से जो भी मांगा जाता है, वह उन मनोकामनाओं को पूरा करती हैं.

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