शतरंज ओलंपियाड ने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण की कमी काफी हद तक की पूरी : अभिजीत कुंटे

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर . पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के नाम एक भी गोल्ड नहीं रहा. लेकिन बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने दोनों श्रेणियों में स्वर्ण पदक हासिल करके ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. इस जीत से पूरा देश खुशी से झूम उठा.

​​महिला टीम के कोच अभिजीत कुंटे के अनुसार, उनकी सफलता ने ओलंपिक में मिली हार की भरपाई कर दी है.

उन्होंने से कहा, “मैंने टीम से कहा कि हम 2022 वाली गलतियां नहीं दोहराएंगे, हम दबाव में नहीं आएंगे और दोहरा स्वर्ण जीतकर नया इतिहास रचेंगे. यह स्वर्ण पदक देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण था. हमने ओलंपिक में एक भी स्वर्ण नहीं जीता था और भले ही टूर्नामेंट में हमारे बारे में ज्यादा हाइप नहीं थी, लेकिन हमने ओलंपिक की काफी हद तक भरपाई की. मुझे लगता है कि इससे कई भारतीय बहुत खुश हुए होंगे.”

डी.गुकेश, आर. प्रागनानंदा, अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती और पी.हरिकृष्णा की युवा भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ओपन वर्ग में 11 राउंड में अपराजित रहते हुए ओलंपियाड में भारत का पहला खिताब जीता.

महिला वर्ग में डी.हरिका, आर वैशाली, दिव्या देशमुख, तानिया सचदेव और वंतिका अग्रवाल की भारतीय टीम ने आठवें राउंड में पोलैंड से मिली हार के बाद जोरदार वापसी की और अंतिम राउंड में अजरबैजान पर जीत के साथ खिताब जीता.

एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में अपने कोच के साथ मौजूद वंतिका ने दोहरी पदक विजेता होने के अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में भी बात की.

वंतिका ने को बताया, “दो स्वर्ण पदक जीतना बहुत गर्व का क्षण था, पुरुष और महिला टीम ने 100 साल बाद स्वर्ण पदक जीता. हम इतने खुश थे कि जब हमने अजरबैजान के खिलाफ मैच जीता तो हमने तुरंत जश्न मनाना शुरू कर दिया. हमने तानिया और गुकेश के साथ रोहित शर्मा और मेसी की तरह जश्न मनाते हुए स्पेशल डांस किया. जब हम वापस लौटे तो प्रधानमंत्री से मिले और उन्होंने हमसे बात की. यह हमारे लिए बहुत खास था.”

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