चेन्नई : समानाथम टैंक को रामसर साइट बनाने पर विचार, मिल सकती है बेहतर कानूनी सुरक्षा और प्रबंधन

चेन्नई, 12 अक्टूबर . तमिलनाडु के मदुरै शहर के बाहर स्थित समानाथम टैंक को जल्द ही एक महत्वपूर्ण पर्यावरण संरक्षण की मान्यता मिल सकती है. राज्य के वन विभाग की ओर से इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रामसर साइट के रूप में घोषित करने की तैयारी अंतिम चरण में है.

बता दें कि रामसर साइट एक ऐसा स्थान होता है जिसे वेटलैंड यानी आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर महत्व दिया जाता है. अगर समानाथम टैंक को यह दर्जा मिल जाता है, तो इसे कड़ी कानूनी सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन मिल सकेगा.

समानाथम टैंक को तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्से में जैव विविधता के लिए एक अहम स्थल माना जाता है. खासकर सर्दियों के मौसम में यहां हजारों जलपक्षी आते हैं. ये प्रवासी पक्षी टैंक को अपनी आवासीय जगह के रूप में चुनते हैं, जिससे यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों और पर्यावरणविदों के लिए विशेष आकर्षण बन जाता है.

वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया है कि प्रस्ताव जल्द ही राज्य की वेटलैंड अथॉरिटी को समीक्षा के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद राज्य और केंद्र Government की मंजूरी मिलने पर इसे रामसर साइट घोषित किया जाएगा.

हालांकि, समानाथम टैंक के आसपास हाल के वर्षों में प्रदूषण और हरियाली की कमी चिंता का विषय बनी हुई है. 2018 में यहां के मूल करवेलम पेड़ों की कटाई हुई थी, जिससे पक्षियों के घोंसले बनाने की जगहें कम हो गईं. पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस जलाशय के आसपास फिर से स्थानीय पौधे और पेड़ लगाए जाएं, तो इससे पक्षियों की संख्या बढ़ेगी और टैंक का प्राकृतिक संतुलन भी बेहतर होगा.

स्थानीय लोग भी इस बात को लेकर जागरूक हो रहे हैं और वे Government से इस दिशा में कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने एक बड़ी चिंता व्यक्त की है, जिसमें गंदे पानी का सीधे टैंक में जाना शामिल है, जो जलाशय में जल जीवन और पक्षी आवास दोनों के लिए खतरा बन गया है. स्थानीय निवासियों ने वन विभाग और संबंधित अधिकारियों से अपील की है कि वे इस प्रदूषण को रोकें और टैंक में साफ पानी पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाएं.

वन विभाग का कहना है कि रामसर साइट बनाने के प्रस्ताव में टैंक की सफाई, प्रदूषण नियंत्रण और पक्षियों की निगरानी जैसी कई योजनाएं शामिल हैं. इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने के बाद, इस क्षेत्र के संरक्षण के लिए बेहतर फंडिंग और तकनीकी सहायता मिलेगी. इससे समानाथम टैंक की जैव विविधता को स्थायी संरक्षण मिलेगा और यह भविष्य में भी पक्षियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना रहेगा.

समानाथम टैंक वैगई नदी बेसिन का हिस्सा है, और यह क्षेत्र खास तौर पर उत्तर-पूर्वी मानसून के दौरान कई प्रजातियों के पक्षियों का आवास बनता है. यहां बतख, सारस, और सारस जैसे जलपक्षी बड़ी संख्या में आते हैं.

पर्यावरण संगठन भी इस जगह को तमिलनाडु के महत्वपूर्ण संरक्षित इलाकों जैसे पॉइंट कैलमियर और पल्लीकरणाई दलदली क्षेत्रों के साथ जोड़कर देखते हैं. उनका मानना है कि रामसर साइट का दर्जा मिलने से समानाथम टैंक की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में मजबूत कदम उठाए जा सकेंगे.

पीके/एएस