पंजाब के बरनाला में चेकिंग अभियान, ट्रैफिक के नए नियमों के बारे में किया जागरूक

बरनाला, 1 अगस्त . पंजाब के बरनाला जिले में वाहनों का चेकिंग अभियान चलाया गया. इसके अंतर्गत लोगों को ट्रैफिक के नए नियमों को लेकर जागरूक किया गया. नए कानून के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का बाइक चलाना प्रतिबंधित कर दिया गया है.

एक अगस्त से पंजाब में ट्रैफिक के नए नियम लागू हो गए हैं. इसके अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बाइक या कार नहीं चला सकेंगे. ऐसा पाए जाने पर उनके माता-पिता पर भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान भी रखा गया है. नए कानून के बाद बरनाला ट्रैफिक पुलिस सक्रिय हो गई है और कई जगह नाकाबंदी करके 18 साल के कम उम्र के बच्चों जागरूक किया जा रहा है.

सुरक्षा चेकिंग अभियान के दौरान डीएसपी ट्रैफिक मंजीत सिंह ने कहा कि “नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे मोटरसाइकिल या अन्य वाहन नहीं चला सकते हैं. जिसके मुताबिक पुलिस बरनाला शहर के अलग-अलग स्कूलों और कॉलेजों में जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों को इन नए कानूनों के बारे में जागरूक कर रही है.”

उन्होंने आगे कहा, “अभिभावकों को विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलान के लिए नहीं दें. छोटे बच्चे 50 सीसी से कम क्षमता वाले वाहन चला सकते हैं. इसके लिए बच्चों को यातायात नियमों का पालन करना होगा. यात्रा करते समय मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करें और हेलमेट लगाएं.”

डीएसपी ट्रैफिक मंजीत सिंह ने आगे बताया, “सरकार ने इन कानूनों को लागू करने के लिए 20 दिन का समय और दिया है ताकि लोगों को जागरूकता के लिए अधिक समय मिल सके. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस लगातार चेकिंग कर रही है, जहां भी कुछ गलत होगा, उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.”

पंजाब में ट्रैफिक के नए नियमों को लेकर कर्मचारी नेता राजीव कुमार ने कहा कि ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने से देश में सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो जाती है. 1 अगस्त से नए ट्रैफिक नियम लागू हो रहे हैं, जिसके अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के गाड़ी व बाइक चलाने पर पाबंदी है. इससे बच्चों द्वारा गलत ड्राइविंग के मामले कम होंगे. उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. ऐसा न करने पर दुर्घटनाएं होती हैं. उन्होंने कहा कि 18 साल से ऊपर के हर बच्चे के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए. इस संबंध में अभिभावकों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

एससीएच/जीकेटी