चारधाम यात्रा : श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि, पीडब्ल्यूडी सचिव ने बताया- खतरनाक जगहों पर लगाई जा रही बाड़

देहरादून, 14 अप्रैल . उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की लाइफलाइन कही जाने वाली चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है. इसको लेकर सरकार के स्तर पर अपनी सारी तैयारियां पूरी की जा रही हैं. चारधाम यात्रा के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में कई ऐसे स्थान हैं, जहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती हैं. अब इन जोखिम भरे दुर्गम स्थानों की पहचान कर वहां पर सुधार कार्य शुरू किए गए हैं, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की दुर्घटना को रोका जा सके.

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि विभाग ने इन खतरनाक स्थानों को चिह्नित कर वहां सुरक्षात्मक बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया है. परिवहन विभाग ने भी कुछ संवेदनशील स्थानों की जानकारी साझा की है, जिन पर बाड़ लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा, परिवहन विभाग के सुझावों पर लगातार काम किया जा रहा है.

पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव हो, ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

बता दें कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसे लेकर प्रशासन अलर्ट है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद नियमित तौर पर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 12 अप्रैल को कहा था कि चारधाम यात्रा को सुगम, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए सुलभ बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. यात्रा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. इसे और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

सीएम धामी ने देहरादून में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में चारधाम यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था, “हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को बिना किसी परेशानी के चारधाम के दर्शन कराए जाएं. इसके लिए यात्रा से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लगातार संवाद किया जा रहा है.”

उन्होंने बताया था कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. यात्रा मार्गों की मरम्मत, स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था, और यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

एफजेड/एएस