New Delhi, 21 अक्टूबर . चांदी की कीमतों में आने वाले समय में और गिरावट आ सकती है. इसकी वजह वैश्विक बाजारों में आपूर्ति का बढ़ना है.
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के प्रवक्ता कुमार जैन ने कहा कि बीते हफ्ते बड़ी गिरावट आने के बाद चांदी की कीमतों में और कमी आ सकती है. इसकी वजह वैश्विक बाजारों में अधिक आपूर्ति होना है.
जैन ने बताया कि ज्यादातर भारतीय बाजार लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) से चांदी खरीदते हैं. यहां से चांदी की आपूर्ति की जाती है और कीमतों को मॉनिटर किया जाता है.
दीपावली पर चांदी की कीमतें पहले ही 6 प्रतिशत से अधिक कम हो गई हैं और फिलहाल चांदी की कीमत 1.60 लाख रुपए प्रति किलो के करीब है.
धनतेरस पर India में ज्वेलरी की बिक्री में 35-40 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है. वहीं, सोने की कीमतें अधिक होने के कारण भी लोग चांदी खरीदने को वरीयता दे रहे हैं.
मांग को देखते हुए एलबीएमए ने चांदी की अतिरिक्त मात्रा को बाजार में उतारा है और इसके कारण भी आने वाले समय में सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिल सकता है.
जैन ने आगे कहा कि धनतेरस के बाद चांदी की कोई खास मांग नहीं दिखाई दे रही है और इससे भी कीमतों में कमजोरी देखने को मिल सकती है.
धनतेरस के दौरान India में 36,000 करोड़ रुपए मूल्य के सोने और चांदी की बिक्री हुई, लेकिन अब त्योहारी मांग कम हो गई है.
वहीं, वैश्विक चांदी बाजार गहरी संरचनात्मक समस्याओं से जूझ रहा है. पिछले पांच वर्षों से, खदानों और रीसाइक्लिंग स्रोतों से आपूर्ति मांग से कम रही है, जिसका मुख्य कारण सौर उद्योग की फोटोवोल्टिक सैल में चांदी की बढ़ती मांग है.
सिल्वर इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2021 के बाद से मांग आपूर्ति से 678 मिलियन औंस अधिक हो गई है, जबकि लंदन में कुल इन्वेंट्री 2021 की शुरुआत में लगभग 1.1 बिलियन औंस से गिर गई है.
इस साल यह गैप और भी बढ़ गया जब President डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी टैरिफ से चांदी के व्यापार पर असर पड़ने की आशंका जताई गई.
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एबीएस/