Mumbai , 4 सितंबर . सरकार द्वारा जीएसटी दरों में किए गए बदलाव को लेकर उद्योग जगत में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. इस बीच मराठा चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज और एग्रीकल्चर के डायरेक्टर जनरल प्रशांत गिरबाने ने से खास बातचीत में कहा कि इससे न सिर्फ मांग में इजाफा होगा, बल्कि उपभोक्ताओं और निवेशकों दोनों को सीधा फायदा मिलेगा.
मराठा चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज और एग्रीकल्चर के डायरेक्टर जनरल प्रशांत गिरबाने ने कहा, “नए जीएसटी स्लैब से उपभोक्ताओं को सस्ते दाम में वस्तुएं मिलेंगी, जिससे खपत बढ़ेगी. यह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए भी फायदेमंद होगा, क्योंकि उत्पादन बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. यह निर्णय सरकार द्वारा एक स्वागत योग्य कदम के रूप में देखा जा रहा है.”
जीएसटी में एक और बड़ा बदलाव हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाना है. इस पर उन्होंने कहा, “यह एक सार्थक निर्णय है. जब किसी परिवार में कोई बीमार होता है, तो हेल्थ खर्च बड़ा बोझ बन जाता है. ऐसे में अगर इंश्योरेंस पर जीएसटी नहीं लगेगा, तो यह आम आदमी के लिए राहत देने वाला कदम होगा.”
एक्सपोर्ट को लेकर सवाल पर प्रशांत गिरबाने ने कहा, “डोमेस्टिक लेवल पर अगर कॉम्प्लायंस आसान होता है और कुछ बचत होती है, तो उसका असर एक्सपोर्ट पर भी सकारात्मक पड़ेगा.”
उन्होंने आगे कहा, “मान लीजिए मैं ऑटो मैन्युफैक्चरर हूं, मुझे अगर वर्किंग कैपिटल कम लगेगा, उस पर इंटरेस्ट कम देना पड़ेगा, तो थोड़ी बहुत जो भी सेविंग होगी, उसका फायदा मैं एक्सपोर्ट की प्रतिस्पर्धा में उठा सकता हूं.”
प्रशांत गिरबाने ने कहा, “जहां भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बेहतर होती है और खपत बढ़ती है, वहां स्टार्टअप्स और नए निवेशकों के लिए माहौल अच्छा बनता है.”
उन्होंने कहा कि उद्योग जगत का मानना है कि स्थिरता सबसे अहम है. दो अलग-अलग जीएसटी दरें हैं, लेकिन भविष्य में इन्हें एक करने की जरूरत है. इसके अलावा, जहां भी जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है, वहां अगर खपत को बढ़ावा मिले और टैक्स 17 प्रतिशत या 16 प्रतिशत हो जाए, तो और बेहतर होगा.
लग्जरी प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ाने को लेकर उन्होंने कहा, “इससे ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि ये वस्तुएं मुख्यतः अमीर तबके द्वारा खरीदी जाती हैं. अगर अमीर लोगों को थोड़ा ज्यादा टैक्स देना पड़ रहा है, तो डिमांड पर असर नहीं पड़ता.”
ऑटोमोबाइल पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने को लेकर इंडस्ट्री ने खुशी जाहिर की है. विशेषकर पुणे की ऑटो इंडस्ट्री, जो भारत में ऑटोमोबाइल निर्माण का प्रमुख केंद्र है, उसने इसका जबरदस्त स्वागत किया है.
प्रशांत गिरबाने ने कहा, “इससे डिमांड बढ़ेगी, कामकाज आसान होगा और वर्किंग कैपिटल की जरूरत कम होगी, जिससे ब्याज दरों पर खर्च भी घटेगा.”
उन्होंने आगे कहा कि चूंकि महाराष्ट्र देश में सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित करने वाला राज्य है (करीब 30 प्रतिशत), इसलिए देशभर में अगर निवेश बढ़ता है, तो उसका सबसे बड़ा फायदा महाराष्ट्र को भी मिलेगा.
कुछ जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी कम किए जाने पर उन्होंने कहा, “जैसे कैंसर की दवा पर जीरो प्रतिशत जीएसटी कर देना सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि मानवीय फैसला है. बाकी कई चीजों पर दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है. इससे एक सकारात्मक चक्र शुरू होगा. खपत बढ़ेगी, उत्पादन बढ़ेगा, रोजगार बढ़ेगा और अंततः सरकार को राजस्व भी बढ़ेगा.”
इस बार दिवाली से पहले जीएसटी की दरों में कटौती को ‘डबल धमाका’ बताया जा रहा है. इस पर बोलते हुए प्रशांत गिरबाने ने कहा, “त्योहारों में वैसे ही डिमांड बढ़ती है, अब जब टैक्स कम हुआ है, तो कंजम्प्शन और बढ़ेगा.”
भारत पर लागू 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर उद्योग प्रशांत गिरबाने का कहना है कि इसका असर क्षेत्र विशेष पर निर्भर करता है. जैसे, मछली उद्योग पर महाराष्ट्र में असर कम है, आंध्र प्रदेश में ज्यादा. टेक्सटाइल इंडस्ट्री, खासकर सोलापुर में, जरूर प्रभावित हुई है. वहीं ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री, खासकर पुणे में, कह रही है कि उनकी डिमांड घटी नहीं, बल्कि बढ़ गई है, क्योंकि अमेरिका ने चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाया है.
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वीकेयू/डीकेपी