वाराणसी, 12 अक्टूबर . वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के महाप्रसाद में बदलाव किया गया है. इसको लेकर शनिवार को वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि अमूल प्लांट द्वारा प्रसाद को तैयार किया जाएगा, जिसमें शुद्धता का खास ख्याल रखा जाएगा.
कौशल राज शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि विजयादशमी के अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर की खुद की रेसिपी का प्रसाद तैयार किया गया है. काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा करीब 8 से 10 महीने पहले ये निर्णय लिया गया था कि शिव जी को अर्पित होने वाली सामग्रियों से रिसर्च करके एक रेसिपी तैयार किया जाए और उस प्रसाद को भक्तों में वितरित करवाएं. इसके लिए बहुत से ग्रंथों और पुराणों का अध्ययन किया गया और रेसिपी बनाने के लिए 4 से 5 महीने तक रिसर्च चला. अमूल के बनास डेयरी के अंतर्गत इस प्रसाद को बनाने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि प्रसाद बनाने में चावल के आटे का उपयोग किया गया है और भगवान पर अर्पित बेल पत्रों के चूर्ण को भी इसमें मिलाया गया. इस बात को सुनिश्चित किया गया है कि प्रत्येक लड्डू में शिवलिंग पर चढ़ने वाले बेलपत्र का इस्तेमाल हो.
दरअसल, तिरुपति बालाजी मंदिर प्रसाद विवाद के बाद वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के महाप्रसाद में बदलाव किया गया है. हालांकि, इसकी तैयारी प्रसाद विवाद प्रकरण से पहले से ही की जा रही थी, यहां पर प्रसाद को लेकर नई व्यवस्था लागू की गई है. इस स्थिति में किसी तरह की विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए अमूल के सहयोग से प्रसाद बनाने का निर्णय लिया गया है.
अमूल द्वारा तैयार किए जाने वाले प्रसाद में शुद्धता का खास ख्याल रखा जाएगा. खास बात यह है कि प्रसाद को ऑर्गेनिक रूप से तैयार चावल के आटे से बनाया जाएगा और इसमें बाबा को अर्पित बेलपत्र का चूर्ण भी मिलाया जाएगा. इसके अलावा लड्डू में मिलाया जाने वाला घी, स्थानीय दुग्ध उत्पादकों के दूध से बनाया जाएगा.
सनातन और हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग ही बाबा विश्वनाथ मंदिर के महाप्रसाद को बनाएंगे. साथ ही अमूल के जिस प्लांट में प्रसाद बनाया जाएगा, वहां पर फूड इंस्पेक्टर की तैनाती होगी और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी. भक्त इस प्रसाद को सिर्फ मंदिर परिसर और अमूल के काउंटर से ले सकेंगे.
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एससीएच/जीकेटी