विजयवाड़ा, 23 जुलाई . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय परिषद सदस्य सदीनेनी यामिनी शर्मा ने एनसीईआरटी की ओर से भारतीय इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलावों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह कदम इतिहास की सच्चाई को सामने लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
यामिनी ने के साथ खास बातचीत में कहा कि एनसीईआरटी ने केवल वही तथ्य सामने लाए हैं जो पहले हमारी पाठ्यपुस्तकों से हटा दिए गए थे. शिवाजी ने मंदिरों का पुनर्निर्माण किया, जबकि औरंगजेब ने उन्हें नष्ट किया. उन्होंने आरोप लगाया कि मैकाले की शिक्षा प्रणाली और दशकों तक चले कांग्रेस शासन ने हमारे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया.
उन्होंने कहा, “हमें पीढ़ियों तक उसी तलवार की प्रशंसा करना सिखाया गया, जिसने हमारी सांस्कृतिक पहचान को नष्ट किया, लेकिन अब हम अपने बच्चों को राष्ट्र की सच्ची भावना का सम्मान करना सिखा रहे हैं, जो देश का पुनर्निर्माण करेगी.”
यामिनी ने स्पष्ट किया कि यह कोई हिंदू-मुस्लिम विवाद नहीं है, बल्कि इतिहास के तथ्यों को उजागर करने की पहल है.
उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी इतिहास को फिर से नहीं लिख रहा है, बल्कि नई पीढ़ी के सामने सच प्रस्तुत कर रहा है. उन्होंने कहा, “हम इस कदम का स्वागत करते हैं, क्योंकि हमारी युवा पीढ़ी को अपने अतीत की कठिन सच्चाइयों को नहीं भूलना चाहिए. भारत सरकार हमारी संस्कृति की रक्षा के लिए किए गए हजारों बलिदानों को सामने लाने की कोशिश कर रही है. हम इस पहल का पूरे दिल से समर्थन करते हैं.”
यामिनी ने आगे कहा कि यह कदम युवाओं को अपने इतिहास और संस्कृति के प्रति जागरूक करने में मदद करेगा. सरकार का यह प्रयास देश की नई पीढ़ी को सही दिशा में ले जाएगा और उन्हें अपने अतीत के गौरव और बलिदानों से जोड़ेगा.
भाजपा नेता ने इस बदलाव को एक सकारात्मक कदम बताया. यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव को लेकर देशभर में चर्चा चल रही है.
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वीकेयू/डीएससी