चंद्रयान मिशन पूरे वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय के लिए महत्त्वपूर्ण : अंतरिक्ष यात्री मैसिमिनो

नई दिल्ली, 27 फरवरी . नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो ने गुरुवार को दिल्ली के एक पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय में छात्रों से मुलाकात की. माइक अंतरिक्ष से ट्वीट (अब एक्स पोस्ट) करने वाले पहले व्यक्ति भी हैं. यहां छात्रों से बातचीत करते हुए मैसिमिनो ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन की प्रशंसा की.

उन्‍होंने बताया कि चंद्रयान मिशन न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय के लिए महत्त्वपूर्ण है. उन्होंने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह उपलब्धि वहां बसने के लिए आवश्यक जल स्रोतों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकती है. छात्रों ने माइक से पूछा कि क्या निकट भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव का बसना संभव होगा. माइक ने बताया कि चंद्रमा पर रहना जल्द ही एक वास्तविकता बन सकता है, लेकिन मंगल ग्रह पर बसने में तकनीकी चुनौतियों के कारण अधिक समय लगेगा. इन तकनीकी चुनौतियों को अभी भी दूर करने की आवश्यकता है.

माइक मैसिमिनो को 1996 में नासा द्वारा एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था. वे दो अंतरिक्ष उड़ानों 2002 और 2009 में चौथे और पांचवें हबल स्पेस टेलीस्कोप सर्विसिंग मिशन के अनुभवी हैं. माइक के पास एक ही स्पेस शटल मिशन में स्पेसवॉक करने के लिए एक टीम रिकॉर्ड है. माइक ने छात्रों से बातचीत के दौरान भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया. मैसिमिनो ने विद्यालय की सुविधाओं का भी जायजा लिया, जिसमें एआर-वीआर लैब, अटल टिंकरिंग लैब, भाषा प्रयोगशाला आदि शामिल हैं.

मैसिमिनो ने बताया कि कैसे 7 अंतरिक्ष यात्रियों पर आधारित एक फिल्म ने उन्हें अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए प्रेरित किया. छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण, अंतरिक्ष यात्राओं के दौरान उनके द्वारा ग्रहण क‍िए जाने वाले भोजन आदि के बारे में उनके सवालों के जवाब दिए. अपने व्यक्तिगत अनुभवों को याद करते हुए, उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अंतरिक्ष में जीरो ग्रेविटी के साथ तालमेल बिठाया.

उन्होंने अंतरिक्ष में अपने सोने की व्यवस्था, काम करने के लिए कंसोल आदि के बारे में भी विस्तार से बताया. छात्र अंतरिक्ष अन्वेषण में एआई की भूमिका के बारे में भी उत्सुक थे. जवाब में, उन्होंने बताया कि एआई प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा, जिससे ये प्रक्रियाएं अधिक कुशल, किफायती और सुरक्षित बनेंगी. अपनी बातचीत में उन्होंने छात्रों को उन विषयों और कौशलों के बारे में सलाह दी, जिन्हें उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण में करियर बनाने के लिए अपनाना चाहिए.

कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में करियर बनाने की चुनौतियों और उनकी तैयारी के बारे में कई सवाल पूछे. मैसिमिनो ने मृदा विज्ञान और समुद्री जीव विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों की खोज के महत्व पर जोर दिया. उनके उत्तरों ने छात्रों को उत्साहित करते हुए गहराई से प्रेरित किया. छात्रों ने उनसे नासा में उनके द्वारा किए गए काम से जुड़े सबसे चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में भी पूछा. नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो कोलंबिया विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं तथा इंट्रेपिड सी, एयर एंड स्पेस म्यूजियम में अंतरिक्ष कार्यक्रमों के वरिष्ठ सलाहकार हैं.

उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय से बीएस की डिग्री तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी एवं नीति में एमएस की डिग्री प्राप्त की है. इसके साथ ही उन्‍होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की है. आईबीएम, नासा और मैकडॉनेल डगलस एयरोस्पेस में इंजीनियर के रूप में काम करने के बाद, राइस यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अकादमिक नियुक्तियों के साथ, अपने नासा करियर के दौरान उन्हें दो नासा स्पेस फ्लाइट मेडल, नासा डिस्टिंग्विश्ड सर्विस मेडल, अमेरिकन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी का फ्लाइट अचीवमेंट अवॉर्ड और स्टार ऑफ इटैलियन सॉलिडैरिटी मिले.

वे न्यूयॉर्क शहर में इंट्रेपिड सी, एयर एंड स्पेस म्यूजियम में अंतरिक्ष कार्यक्रमों के वरिष्ठ सलाहकार हैं. वह कोलंबिया विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग स्कूल, द फू फाउंडेशन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंस में प्रोफेसर भी हैं.

जीसीबी/एबीएम