कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने वाले नेता महाराष्ट्र को विकसित बनाने में योगदान देना चाहते हैं : चंद्रशेखर बावनकुले

नागपुर, 29 मार्च . महाराष्ट्र में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने वाले नेताओं को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कहा कि पार्टी में आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विकसित भारत और महाराष्ट्र की संकल्पना में योगदान देना चाहते हैं.

राजनेताओं के दलबदल करने पर चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “शनिवार को जिन लोगों ने बीजेपी में प्रवेश किया है, वे पहले कांग्रेस के लिए काम कर चुके थे. लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने का फैसला किया है. उन्हें मोदी और फडणवीस की विकसित भारत और महाराष्ट्र की संकल्पना का साथ देना है. बीजेपी के संगठन पर्व में इन सभी ने बड़ा योगदान दिया है, और मैं इन सभी का स्वागत करता हूं.”

देश के महान वीरों पर गलत बयानबाजी देने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने वाले भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले की मांग पर बावनकुले ने कहा, “उदयनराजे भोसले का विचार उचित है. इस देश में स्वतंत्रता सेनानी सावरकर, छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज और कई महापुरुषों के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही जाती हैं, जो अस्वीकार्य हैं. इसलिए उदयनराजे ने जो प्रतिक्रिया दी है, उस पर हमारी सरकार निश्चित रूप से विचार करेगी और मुख्यमंत्री इस पर कठोर कानून बनाएंगे.”

कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे के मुख्यमंत्री कार्यालय को लेकर की गई टिप्पणी पर बावनकुले ने कहा, “अतुल लोंढे को जरा समझदारी दिखानी चाहिए. मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम लेने से पहले उन्हें विषय को समझना चाहिए. हमने जानकारी ली है, और ऐसे किसी नाम का व्यक्ति मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत नहीं है. छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति को हम और हमारा कार्यालय कोई सहायता नहीं दे सकते. अतुल लोंढे ने बचकानी हरकत की है.”

विपक्ष के किसानों की कर्ज माफी के सवाल पर भाजपा नेता ने कहा, “हम पांच साल के लिए चुने गए हैं और सरकार पूरे पांच साल चलेगी. अभी सरकार को आए सिर्फ तीन महीने हुए हैं. हम समाज और महाराष्ट्र की जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमने जो भी वादे किए हैं, वे सभी पूरे किए जाएंगे. चाहे वह किसानों की कर्ज माफी हो, मुफ्त बिजली हो, या ‘लाडली बहनों’ के लिए बढ़ा हुआ अनुदान हो, हर वादा पूरा किया जाएगा. हमारा संकल्प पत्र पूरी तरह से लागू होगा. पांच साल पूरे होने से तीन महीने पहले वडेट्टीवार हमसे मिलें और पूछें कि कौन सा वादा अधूरा रह गया है.”

एससीएच/एकेजे