सुभाषचंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार ने की जापान से नेताजी की अस्थियां लाने की मांग

कोलकाता, 21 अक्टूबर . आजाद हिन्द फौज के स्थापना दिवस पर Tuesday को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने सुभाषचंद्र बोस की अस्थियां जापान के रेंकोजी मंदिर से India लाए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 23 जनवरी 2026 से पहले अस्थियां India लाई जाएं और दिल्ली में आईएनए मेमोरियल बनाकर वहां स्थापित की जाएं.

चंद्र कुमार बोस ने से बात करते हुए कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस हमेशा स्वतंत्र India के आगमन की बात करते थे, इसलिए हम केंद्र Government से मांग करते हैं कि 23 जनवरी 2026 से पहले जापान के रेंकोजी मंदिर से नेताजी की अस्थियां India लाई जाएं.

उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर 1943 को India की पहली स्वतंत्र Government ‘आजाद हिंद Government’ की स्थापना नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने की थी. वह अखंड India के पहले Prime Minister थे. उनके नेतृत्व में ही ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ युद्ध की घोषणा की गई थी. उनका कहना है, “अगर 21 अक्टूबर नहीं होता, तो 15 अगस्त भी नहीं होता.”

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि करीब 60 हजार सैनिकों ने म्यांमार से इंफाल तक पदयात्रा की थी और 14 अप्रैल 1944 को आजाद हिंद फौज के सैनिकों ने ब्रिटिश झंडा उतारकर India का तिरंगा फहराया था.

चंद्र कुमार बोस ने कहा, “आज तक आजाद हिंद फौज का सही इतिहास देशवासियों के सामने नहीं लाया गया है. इसके लिए न राज्य Government ने और न ही केंद्र Government ने कोई ठोस कदम उठाया है. स्कूल और कॉलेजों की पाठ्यपुस्तकों में भी सही इतिहास शामिल नहीं किया गया है.”

उन्होंने केंद्र और राज्य Government से मांग की है कि दोनों Governmentें मिलकर आजाद हिंद फौज और उनके वीर सैनिकों के योगदान को सामने लाएं, जिससे देशवासियों को भी उनके बारे में सही जानकारी मिल सके.

वहीं पश्चिम बंगाल की Chief Minister और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने social media पोस्ट ‘एक्स’ में लिखा, “आज आजाद हिंद Government के गठन की वर्षगांठ है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में India की आजादी के लिए वीरतापूर्वक लड़ने वाले आजाद हिंद फौज के वीर सैनिकों को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि.”

एसएके/वीसी