Ahmedabad, 23 अगस्त . Ahmedabad की क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक सीरियाई गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो खुद को गाजा पीड़ित बताकर मस्जिदों से जबरन चंदा इकट्ठा कर रहा था. गिरोह का एक सदस्य अली मेधात अलजहर (23) को एलिसब्रिज स्थित होटल रीगल रेजिडेंसी के कमरा नंबर 201 से गिरफ्तार किया गया.
जांच में सामने आया कि गिरोह के कुल छह सदस्य सीरिया के दमिश्क से अबू धाबी होते हुए 22 जुलाई को कोलकाता और 1 अगस्त को Ahmedabad पहुंचे थे. अभी गिरोह के अन्य सदस्य अहमद अलहबाश, जकारिया अलजाहर और यूसुफ अलजाहर की तलाश जारी है, जबकि दो अन्य सदस्य भी फरार हैं.
Police ने अली के पास से 3,600 अमेरिकी डॉलर और 25,000 रुपए नकद जब्त किए हैं. पूछताछ में सामने आया कि ये लोग खुद को गाजा पीड़ित बताकर, शहर की मस्जिदों में जाकर भावनात्मक तरीके से लोगों से धन इकट्ठा कर रहे थे. इनके पास इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला कि इकट्ठा किया गया पैसा वाकई गाजा भेजा जा रहा था.
जेसीपी (क्राइम ब्रांच) शरद सिंघल ने कहा, “हमें इन लोगों की गतिविधियों की सूचना मिली थी. ये चार संदिग्ध व्यक्ति खुद को फिलिस्तीन का निवासी बता रहे थे, अरबी भाषा बोलते थे और Ahmedabad की मस्जिदों में पैसा इकट्ठा कर रहे थे. अली से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं. अब उसके मोबाइल, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है.”
जांच में पता चला है कि अली टूरिस्ट वीजा पर India आया था और देश के कई शहरों में घूम चुका है. उसने खुद को गाजा का निवासी बताकर लोगों से भावनात्मक अपील की और फंड जुटाया.
पूछताछ के दौरान अली ने केवल अरबी बोलने का नाटक किया और बताया कि उसके शरीर पर मौजूद चोट के निशान युद्ध से जुड़े हैं.
क्राइम ब्रांच को शक है कि गिरोह वीजा नियमों का उल्लंघन कर रहा है और उनकी गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं. इस मामले में केंद्र और राज्य की एजेंसियां मिलकर जांच कर रही हैं.
सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह लेबनान में इकट्ठा हुआ और फिर India आया. फंड कलेक्शन की प्रक्रिया गुप्त, नकद और ऑनलाइन माध्यमों से की जा रही थी. यह भी जांच की जा रही है कि इकट्ठा किया गया धन किस मकसद से इस्तेमाल किया जा रहा था.
अली को हिरासत में लेकर देश से निष्कासन और ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. उसके साथियों के पासपोर्ट भी जांच के घेरे में हैं.
Police 1 अगस्त से अब तक की cctv फुटेज, मोबाइल डाटा और बैंकिंग विवरण खंगाल रही है.
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वीकेयू/एबीएम