पेरू को सालाना 4.5 अरब डॉलर का राजस्व देता है चांके बंदरगाह

बीजिंग, 17 नवंबर . पेरू का चांके बंदरगाह न केवल चीन और पेरू के साथ बेल्ट एंड रोड पहल के संयुक्त निर्माण की महत्वपूर्ण परियोजना है, बल्कि दक्षिण अमेरिका में पहला स्मार्ट बंदरगाह भी है. यह चीन और पेरू के बीच सहयोग और पारस्परिक लाभ का एक मॉडल है, जो चीन-लैटिन अमेरिका सहयोग का एक ज्वलंत प्रतीक भी है.

चांके बंदरगाह परियोजना का पहला चरण वर्ष 2021 में शुरू हुआ, जिसका निवेश और निर्माण चीनी उद्यमों ने किया है. इस परियोजना में एक बहुउद्देश्यीय टर्मिनल, कंटेनर टर्मिनल और बुनियादी ढांचा सुविधाएं आदि शामिल हैं, जहां 18,000 टीईयू अल्ट्रा-बड़े कंटेनर जहाज पोर्ट करने में सक्षम हैं, निकट अवधि में प्रति वर्ष 10 लाख टीईयू और लंबी अवधि में 15 लाख टीईयू की डिजाइन थ्रूपुट क्षमता प्राप्त कर सकता है.

चांके बंदरगाह परियोजना के पहले चरण ने स्थानीय लोगों को ठोस लाभ पहुंचाया है कि इस बंदरगाह से पेरू से चीन तक शिपिंग समय घटकर 23 दिन रह गया है, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में 20 प्रतिशत से अधिक की बचत होती है. पेरू में हर साल 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्व आता है और 8,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होती हैं.

इसके अलावा, चांके बंदरगाह एक सुरंग के माध्यम से पैन-अमेरिकन राजमार्ग से जुड़ा हुआ है और राजधानी लीमा तक सीधे रूप से पहुंचता है, जिससे आने-जाने वाले सामान आसानी से पेरू और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों तक पहुंच सकते हैं और व्यापार सुविधा में काफी सुधार हुआ है.

भविष्य में, ब्राज़ील के सोयाबीन, लौह अयस्क और फ्रोजेन मांस और कोलंबिया की कॉफी, एवोकैडो आदि मालों को भी इस नए शिपिंग चैनल के माध्यम से एशिया में लगातार पहुंचाया जा सकता है.

यह सुविधाजनक निर्यात चैनल पूरे लैटिन अमेरिका के लिए एशिया-प्रशांत आर्थिक एकीकरण में शामिल करने का द्वार खोलेगा. साथ ही, प्रशांत महासागर के पश्चिमी तट स्थित जापान और दक्षिण कोरिया चीन के शांगहाई के माध्यम से इस “नए भूमि-समुद्र गलियारे” को साझा कर सकते हैं, जो पूर्वी और पश्चिमी गोलार्ध और उत्तरी तथा दक्षिणी गोलार्ध में फैला है. चांके बंदरगाह का निर्माण प्रशांत महासागर में शिपिंग के लिए एक नया विकल्प प्रदान करता है.

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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