रांची, 18 मई . झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने केंद्र सरकार द्वारा गठित सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सराहना की है.
भाजपा नेता चंपई सोरेन ने रविवार को समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “यह बात सभी देशों को पता होनी चाहिए कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवाद का उनका केंद्र तबाह कर दिया है. भारत को अशांत करने के लिए पाकिस्तान वर्षों से प्रयासरत रहा है. उसी का मुंहतोड़ जवाब इस बार भारत सरकार ने दिया है, आतंकवाद के केंद्र को ही ध्वस्त कर दिया. यह संदेश सभी देशों में जाना चाहिए, इसलिए सरकार ने जो संसदीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, उसकी सराहना करता हूं.”
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यों में अवैध घुसपैठियों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा टास्क फोर्स का गठन किए जाने के कदम का स्वागत करते हुए कहा, “हमने कुछ महीने पहले अभियान शुरू किया अब केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिशा-निर्देश दिया है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिह्नित करें और इसके लिए टास्क फोर्स बनाएं. यह आदेश सभी राज्यों को दिया गया है. इसके लिए हम प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री का आभार करते हैं.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्म परिवर्तन रफ्तार पकड़ रहा है. यह अब धरातल पर दिखने लगा है. पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में 95 प्रतिशत बांग्लादेशी घुसपैठिए मिलेंगे. बोकारो और चतरा में भी कई बांग्लादेशी मिले हैं जिन्हें राज्य सरकार ने अब तक होल्डिंग सेंटर में नहीं रखा. राज्य सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.
उन्होंने कहा कि बोकारो में एक वर्ग विशेष के व्यक्ति ने एक आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश की. ग्रामीणों की पिटाई के दौरान अपराधी की मौत हो गई. राज्य के मंत्री दुष्कर्मी के परिजनों को मुआवजा दे रहे हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तरफ से एक लाख रुपए, मुख्यमंत्री की तरफ से चार लाख रुपए और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नौकरी का आश्वासन दिया गया है. चंपई सोरेन ने कहा, “क्या झारखंड आदिवासी महिलाओं के साथ अत्याचार के लिए बना था?”
चंपई सोरेन ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लोग अगर ईसाई धर्म अपनाते हैं तो उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए. आंध्र प्रदेश में भी यह नियम स्पष्ट कर दिया गया है. कोर्ट ने भी कहा कि आपने ईसाई धर्म अपना लिया है तो आपको आरक्षण का हक नहीं मिलेगा. इसी तरह झारखंड में भी कई लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है, उनका भी आरक्षण समाप्त कर देना चाहिए. देश में लोग कोई भी धर्म अपनाएं इसमें कोई रोक-टोक नहीं है.
उन्होंने सरना धर्म कोड को लेकर कांग्रेस के 26 जून से शुरू हो रहे धरने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि आदिवासियों की दयनीय स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. साल 1961 में कांग्रेस पार्टी ने सरना धर्म को खत्म किया. सबसे पहले कांग्रेस के नेताओं को माफी मांगनी चाहिए. राहुल गांधी हों या मल्लिकार्जुन खड़गे, सभी को माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि झारखंड जिस उद्देश्य से बनाया गया था, उससे भटक गया है. इसके लिए 30 जून से भाजपा बड़ा आंदोलन करने जा रही है. झारखंड को बचाना है, आदिवासियों को जगाना है, अपना अस्तित्व बचाना है.
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पीएके/एकेजे