चमोली हादसा: सुरक्षित घर पहुंचा एक मजदूर, अब तक चार की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

चमोली, 2 मार्च . उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में बीते 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे 55 श्रमिकों में से 51 श्रमिकों को रेस्क्यू कर लिया गया है, जिनमें से चार की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि चार मजदूर अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.

सभी मजदूर भारत-चीन सीमा के पास स्थित चमोली के माणा गांव के पास बीआरओ के निर्माण कार्य में लगे हुए थे. 28 फरवरी को अचानक ग्लेशियर टूट गया और वहां मौजूद 55 मजदूर इसकी चपेट में आ गए.

हादसे के बाद भारतीय सेना और अन्य बचाव दलों ने बर्फ में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. इस दौरान 51 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया, जिनमें से बाद में चार मजदूरों की जान चली गई. इसके अलावा एक मजदूर अपने घर पहुंच गया है और बाकी चार की तलाश की जा रही है.

चमोली के जिलाधिकारी ने बीआरओ के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि जो मजदूर लापता हैं, उनके घर फोन कर जानकारी प्राप्त की जाए. बीआरओ को पता चला कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा निवासी सुनील कुमार अपने घर पहुंच गया है.

इस बीच, वायु सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखंड सरकार के 2 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं.

अधिकारी के अनुसार, माणा गांव में रविवार सुबह ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया गया है. सेना और आईटीबीपी द्वारा माणा एवलांच प्वाइंट पर आज सुबह एक बार फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया. अभी भी 4 श्रमिक लापता हैं. एक मजदूर अपने घर सुरक्षित पहुंच गया है.

बता दें कि जो चार श्रमिक लापता हैं, उनमें हिमाचल प्रदेश का हर्मेश चंद, उत्तर प्रदेश का अशोक, उत्तराखंड का अनिल और अरविंद कुमार शामिल हैं. इसके अलावा जिन मजदूरों की मौत हुई है, उनमें हिमाचल प्रदेश का जितेंद्र सिंह और मोहिंद्र पाल, उत्तर प्रदेश का मंजीत यादव और उत्तराखंड का अलोक यादव शामिल हैं.

एफएम/केआर