चैतन्यानंद सरस्वती की जमानत अटकी, अब 7 नवंबर को कोर्ट में होगी सुनवाई

New Delhi, 27 अक्टूबर . श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ ​​पार्थ सारथी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. छात्राओं के यौन शोषण के मामले में आरोपी चैतन्यानंद की जमानत अर्जी पर पाटियाला हाउस कोर्ट में Monday को सुनवाई टल गई है.

दिल्ली Police ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. चैतन्यानंद की जमानत याचिका पर अब 7 नवंबर को सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली Police से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. फिलहाल, चैतन्यानंद न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.

बता दें कि दिल्ली Police ने छात्राओं से छेड़खानी के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद को आगरा से गिरफ्तार किया था. चैतन्यानंद पर 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप है. Police के अनुसार, चैतन्यानंद पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की छात्रवृत्ति योजना के तहत पोस्ट ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स में पढ़ने वाली छात्राओं को निशाना बनाने का आरोप है. 4 अगस्त को भारतीय वायु सेना मुख्यालय से शिकायत मिलने के बाद आरोपी फरार हो गया था.

जांच में खुलासा हुआ कि चैतन्यानंद रात के समय छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता था और उनकी ग्रेड कम करने या फेल करने की धमकी देकर उनके साथ जबरदस्ती करता था. Police ने संस्थान की तीन वार्डनों के बयान दर्ज किए हैं, जिन पर चैतन्यानंद की मदद करने और आपत्तिजनक संदेशों को डिलीट करने का आरोप है. लगभग 50 छात्राओं के फोन से बरामद वॉट्सऐप चैट से 16 सालों तक चले यौन शोषण के सबूत मिले हैं, जिनमें अश्लील मैसेज और जबरन शारीरिक संपर्क की घटनाएं शामिल हैं.

इससे पहले, अगस्त की शुरुआत में 17 छात्राओं ने दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी Police स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें चैतन्यानंद पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी की छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली छात्राओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. अधिकारियों के अनुसार, चैतन्यानंद पिछले दो दशकों से महिलाओं का शोषण कर रहा था, और 2009 व 2016 में भी छेड़खानी के मामलों में वह बच निकला था.

जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि चैतन्यानंद की लाल रंग की लग्जरी वॉल्वो कार से कई फर्जी नंबर प्लेट बरामद की गईं, जिन पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का फर्जी लोगो लगा था. जांच में पुष्टि हुई कि ये नंबर प्लेट यूएन द्वारा जारी नहीं की गई थीं और आरोपी ने खुद इन्हें बनाया था. कार को जांच के लिए जब्त कर लिया गया है.

एमएस/