चढूनी ने कांग्रेस की खोल दी पोल, हरियाणा की जनता ने सिखाया सबक : रवनीत सिंह बिट्टू

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर . हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बयान देकर सियासी हलचल तेज कर दी है. चढूनी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की वजह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को माना है.

चढूनी के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की पोल खोल दी है. उनको बहुत बड़ा खतरा भी है, क्योंकि यह सब गुंडे जो किसान नेता हैं, वह मिले हुए हैं. चढूनी साहब का मैं आभार व्यक्त करता हूं, क्योंकि उन्होंने जो कहा है, सच कहा है. कांग्रेस ने इसी ट्रैप में जनता को फंसा कर रखा लेकिन, हरियाणा की जनता ने उन्हें सबक सिखाने का काम किया है.

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में किसानों की अगुवाई करने वाले नेताओं को सच बाताना चाहिए. आज कांग्रेस पार्टी की पोल खुल चुकी है. अगर कोई किसानों के साथ खड़ा है तो वह भाजपा है. कांग्रेस किसानों की दुश्मन है. एमएसपी और स्वामीनाथन की रिपोर्ट कब आई थी, ये कांग्रेस के नेता को बताना चाहिए.

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि जो लोग भाजपा पर आरोप लगा रहे थे और पीएम मोदी पर हमला कर रहे थे, उनकी आज पोल खुल गई है. इनका कहीं भी ईमानदारी से कोई मतलब नहीं था. इनका मतलब केवल केंद्र सरकार पर निशाना साधने का था. मोदी सरकार किसानों की हितैषी रही है. स्वार्थपूर्ण नेताओं को हरियाणा की जनता ने सबक सिखाने का काम किया है. किसानों को समझना चाहिए कि किस प्रकार से उनका इस्तेमाल यह कांग्रेस पार्टी कर रही है. यह सच्चाई अब सामने आ चुकी है.

किसान नेता और संयुक्त संघर्ष पार्टी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा में कांग्रेस की हार के पीछे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस का नाश करेंगे और अब यह सच साबित हो गया है. हमें लोकसभा चुनाव में एक टिकट देने का वादा किया गया था. लेकिन, बाद में भूपेंद्र सिंह मुकर गए. अगर वह अभय चौटाला के साथ समझौता करते और एक टिकट देते, तो उनकी पार्टी को हरियाणा में 9 सीटें मिल सकती थी. कांग्रेस हाईकमान से मैं अपील करूंगा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष न बनाएं. पिछले दस सालों में भूपेंद्र सिंह ने विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई, जबकि किसान यूनियन ने यह भूमिका निभाई है.

एकेएस/जीकेटी