प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से चादर आज ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को पेश होगी

नई दिल्ली, 4 जनवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अजमेर शरीफ दरगाह भेजी गई चादर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर चढ़ाई जाएगी. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू सुबह 11 बजे एक समारोह के दौरान दरगाह पर चादर चढ़ाएंगे.

अजमेर में समारोह से पहले, रिवायत के अनुसार किरेन रिजिजू चादर ले शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर पहुंचे.

शनिवार सुबह जयपुर एयरपोर्ट से मंत्री किरेन रिजिजू सड़क मार्ग से अजमेर जाएंगे. चादर चढ़ाने के साथ ही किरेन रिजिजू दरगाह शरीफ का आधिकारिक वेब पोर्टल और एक नया मोबाइल ऐप ‘गरीब नवाज’ लॉन्च करेंगे, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाना और उर्स समारोह के दौरान समन्वय में सुधार करना है.

ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में हर साल दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो संत की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

मजार-ए-अकदस पर चादर चढ़ाना भक्ति का प्रतीक है.

2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पदभार संभालने के बाद से यह लगातार 11वां वर्ष है जब उन्होंने दरगाह पर चादर चढ़ाई जाएगी. पिछले वर्ष तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने चादर चढ़ाई दी.

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अजमेर शरीफ दरगाह पर उनकी ओर से चढ़ाई जाने वाली चादर पेश की.”

अजमेर दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी और अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने इस कदम का स्वागत किया और प्रधानमंत्री की ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका सम्मान’ के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया.

चिश्ती ने कहा, “1947 से चली आ रही इस परंपरा को देश के हर प्रधानमंत्री ने कायम रखा है.” उन्होंने से कहा, “2014 में पदभार संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार श्रद्धा और सम्मान के प्रतीक के रूप में चादर भेजी है.

यह सभी धर्मों, समुदायों और सूफी संतों का सम्मान करने की भारत की गहरी संस्कृति को दर्शाता है.” अजमेर शरीफ दरगाह भारत की सबसे महत्वपूर्ण सूफी दरगाहों में से एक है, जो दुनिया भर से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है.

डीकेएम/केआर