नई दिल्ली, 11 मार्च . केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय दो संगठनों को अवैध घोषित किया. आरोप है कि ये दोनों संगठन उग्र और अव्यवस्था उत्पन्न करने वाली गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जो देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय संगठन ‘जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (जेकेआईएम) और ‘अवामी एक्शन कमेटी’ (एएसी) को विधि विरुद्ध संगठन घोषित किया है. गृह मंत्री ने बताया कि इन संगठनों को उग्र और अव्यवस्था उत्पन्न करने वाली गतिविधियों में शामिल पाया गया है, जो देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करते हैं.
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “‘जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (जेकेआईएम) और ‘अवामी एक्शन कमेटी’ (एएसी) को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है. इन संगठनों को लोगों को भड़काकर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने और भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाला पाया गया. देश की शांति, व्यवस्था और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को मोदी सरकार की कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा.”
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी एक अधिसूचना जारी करते हुए उमर फारूक की अध्यक्षता वाली अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) को विधिविरुद्ध संगम घोषित कर दिया है. मंत्रालय का कहना है कि एएसी देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई है और इसके सदस्य जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन कर रहे हैं तथा पृथकतावाद को बढ़ावा दे रहे हैं.
अधिसूचना में कहा गया है कि एएसी के सदस्य भारत विरोधी प्रचार में सम्मिलित हैं और उन्होंने जम्मू और कश्मीर में पृथकतावादी, अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धन जुटाने की कोशिश की हैं. इसके अलावा, एएसी के नेता और सदस्य अपनी गतिविधियों के माध्यम से देश की संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन कर रहे हैं और राष्ट्र विरोधी कार्यों में शामिल हैं, जिनका उद्देश्य जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग करना और लोगों को कानून व्यवस्था के खिलाफ भड़काना है.
केंद्र सरकार का मानना है कि यदि एएसी की विधिविरुद्ध गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो यह संगठन और भी गंभीर रूप से राष्ट्र विरोधी कार्यों में लिप्त हो सकता है. इसके अलावा, एएसी द्वारा जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग करने की लगातार वकालत, देश के खिलाफ असंतोष फैलाने और हिंसा भड़काने का भी आरोप लगाया गया है.
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि एएसी द्वारा किए गए राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के कारण सरकार ने इसे विधिविरुद्ध संगम घोषित करने का निर्णय लिया है. यह आदेश विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 3 की उपधारा (1) के तहत जारी किया गया है और इसे राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद पांच साल तक प्रभावी रहेगा.
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