केंद्र सरकार को ‘वन नेशन वन इलेक्‍शन’ का फैसला वापस लेना होगा : सच‍िन पायलट

टोंक, 20 सितंबर . मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन पूरे होने पर जहां केंद्र सरकार ने अपने कामों को गिनाया, वहीं, कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा, 100 दिन में केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया. लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े-बड़े दावे और वादे किए गए, लेकिन धरातल पर कुछ भी देखने को नहीं मिला.

‘वन नेशन वन इलेक्‍शन’ के सवाल पर उन्होंने कहा, अभी दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दी है. पायलट ने कहा क‍ि इस ब‍िल को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से ध्यान भटकाने के ल‍िए लाया गया.

सरकार को यह फैसला वापस लेना होगा, क्योंकि संसद में बिल पारित कराने के लिए उनके पास संख्या बल नहीं है. खास बात यह है कि किसी दल से इस बारे में सलाह नहीं ली गई.

बिना चर्चा के इसे पारित कर दिया गया. इसका कारगर होना लगभग असंभव है. इंडिया गठबंधन इसके विरोध में है. यह सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए किया गया. सचिन पायलट ने कहा, चार राज्यों के चुनाव होने थे, लेक‍िन ये सिर्फ दो राज्यों का ही चुनाव करा पा रहे हैं. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव को टाल द‍िया गया. जब आप चार राज्यों का चुनाव एक साथ नहीं करा सकते, तो ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बात कैसे कर सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के बारे में सचिन पायलट ने कहा, हम दोनों जगह जीत रहे हैं. जम्मू में इंडिया गठबंधन और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही है.

पायलट ने कहा क‍ि जिन राज्यों में हम विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं, वहां हम इस दिशा में काम करेंगे. लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी अपने दम पर हर जगह चुनाव लड़ने में सक्षम है.

राहुल गांधी पर सत्ता पक्ष की ओर से हो रही बयानबाजी पर सचिन पायलट ने कहा, ये कैसी राजनीति है, आप किसी का अपमान कर रहे हैं, उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर रहे हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा है.

राजस्थान में 10 महीने पहले भाजपा की सरकार बनी थी. आपको यहां विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए, जनता की बात सुननी चाहिए और इस सरकार में हो रही अव्यवस्था को दूर करना चाहिए.

भाजपा के राज्यसभा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के बयान पर पायलट ने कहा, यह व्यक्ति कांग्रेस के साथ था, उनकी तीन पीढ़ियां कांग्रेस में थीं और अब वे भाजपा में चले गए हैं. अपनी उपस्थिति स्थापित करने के लिए वे इस तरह के बयान दे रहे हैं. मुझे विश्वास है कि इन सब बयानों की सबसे कड़ी प्रतिक्रिया आठ अक्टूबर को मतगणना के दौरान आएगी.

डीकेएम/