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New Delhi, 26 अगस्त . आगामी त्योहारी सीजन से पहले गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के निरंतर प्रयासों के तहत, केंद्र Government ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में थोक और खुदरा व्यापारियों के साथ-साथ प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू गेहूं की स्टॉक सीमा को 31 मार्च, 2026 तक कम करने का निर्णय लिया है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा Tuesday को जारी एक बयान के अनुसार, थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा पहले के 3,000 मीट्रिक टन से घटाकर 2,000 मीट्रिक टन (एमटी) कर दी गई है, जबकि खुदरा विक्रेताओं के मामले में, प्रत्येक खुदरा दुकान के लिए स्टॉक सीमा पहले के 10 मीट्रिक टन से घटाकर 8 मीट्रिक टन कर दी गई है.
इसी प्रकार, गेहूं प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए स्टॉक सीमा को मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 60 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे पहले, यह सीमा मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत थी.
सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को प्रत्येक Friday को गेहूं स्टॉक पोर्टल पर स्टॉक की स्थिति घोषित या अपटेड करनी होगी. कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई जाती है या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, उसके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
यदि इन संस्थाओं के पास निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर उसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा. केंद्र और राज्य Governmentों के अधिकारी इन स्टॉक सीमाओं के प्रवर्तन पर कड़ी निगरानी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई कृत्रिम कमी न पैदा हो.
फसल वर्ष 2024-25 के दौरान कुल 1175.07 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं का उत्पादन दर्ज किया गया और देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है.
केंद्र Government ने 2025-26 के रबी विपणन सत्र में राज्य एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से 300.35 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य बाजार हस्तक्षेपों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.
Government ने बयान में कहा कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग देश में कीमतों को नियंत्रित करने और आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.
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एबीएस/