केंद्र सरकार ने आईआरसीटीसी और आईआरएफसी को दिया नवरत्न का दर्जा

नई दिल्ली, 3 मार्च . केंद्र सरकार ने सोमवार को इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईआरएफसी) को नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) का प्रतिष्ठित दर्जा दे दिया है. इसकी वजह दोनों कंपनियों द्वारा नवरत्न का दर्जा पाने के लिए जरूरी शुद्ध लाभ और नेटवर्थ जैसे प्रमुख मापदंडों को पूरा करना था.

नया नवरत्न दर्जा मिलने से इन कंपनियों को वित्तीय निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता मिलेगी.

डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज द्वारा किए गए ऐलानों के मुताबिक, सीपीएसई में नवरत्न का दर्जा पाने वाली आईआरसीटीसी और आईआरएफसी क्रमश: 25वीं और 26वीं कंपनी हैं.

नवरत्न का दर्जा मिलने से दोनों कंपनियों को अधिक वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी, जिससे उन्हें सरकार की मंजूरी के बिना 1,000 करोड़ रुपये तक निवेश करने की अनुमति मिलेगी. इससे दोनों कंपनियों को आगे की विकास योजनाओं के लिए निर्णय लेने में तेजी लाने में मदद मिलेगी.

केंद्र सरकार द्वारा सीपीएसई को तीन प्रमुख समूहों: महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न में बांटा गया है. इसके जरिए सरकार का उद्देश्य सरकारी कंपनियों को अधिक प्रतिस्पर्धी और दक्ष बनाना है.

आईआरसीटीसी और आईआरएफसी दोनों रेलवे मंत्रालय के तहत आती हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में आईआरसीटीसी का वार्षिक टर्नओवर 4,270.18 करोड़ रुपये था. इस दौरान कंपनी को 1,111.26 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. वहीं, कंपनी की नेटवर्थ 3,229.97 करोड़ रुपये थी.

वित्त वर्ष 2023-24 में आईआरएफसी का वार्षिक टर्नओवर 26,644 करोड़ रुपये था. इस दौरान कंपनी को 6,412 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. वहीं, कंपनी की नेटवर्थ 49,178 करोड़ रुपये थी.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि के लिए दोनों कंपनियों की सराहना की.

केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, “नवरत्न का दर्जा मिलने पर आईआरसीटीसी और आईआरएफसी को बधाई.”

इससे पहले सितंबर में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन और रेलटेल कॉरपोरेशन को ‘नवरत्न’ का दर्जा दिया गया था. वहीं, जुलाई 2024 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड को नवरत्न कंपनियों के समूह में शामिल किया गया था.

एबीएस/