नई दिल्ली, 9 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को तीन बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर देते हुए इन परियोजनाओं की तारीफ की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर तीन अलग-अलग पोस्ट में इन योजनाओं की जानकारी दी. सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने तिरुपति-पाकला-कटपडी रेलवे लाइन के दोहरीकरण किए जाने की जानकारी देते हुए लिखा, “तिरुपति-पाकला-कटपडी रेलवे लाइन को दोहरीकरण करने के कैबिनेट के फैसले से भीड़भाड़ कम होगी, तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए रेल संपर्क बढ़ेगा और आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में माल ढुलाई क्षमता बढ़ेगी.”
इसके बाद पीएम मोदी ने हरियाणा में स्थित जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दिए जाने की जानकारी देते हुए लिखा, “6-लेन वाले जीरकपुर बाईपास के निर्माण के लिए कैबिनेट की मंजूरी से यात्रा का समय कम होगा और हिमाचल प्रदेश और एनसीआर से संपर्क भी बेहतर होगा. यह निर्बाध, भविष्य के लिए तैयार परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हमारे पीएम गतिशक्ति प्रयास के अनुरूप भी है.”
अंत में पीएम मोदी ने कमांड एरिया डेवलपमेंट और जल प्रबंधन के आधुनिकीकरण को मंजूरी दिए जाने की जानकारी देते हुए लिखा, “केंद्रीय कैबिनेट ने कमांड एरिया डेवलपमेंट और जल प्रबंधन के आधुनिकीकरण को मंजूरी दे दी है, जो सिंचाई नेटवर्क को आधुनिक बनाएगा, सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देगा और नवीनतम तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा. यह जल उपयोग दक्षता को बढ़ावा देगा, उत्पादकता में सुधार करेगा और किसानों की आय भी बढ़ाएगा.”
बता दें कि हरियाणा में स्थित जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दी गई. यह बाईपास छह लेन का होगा और इसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर होगी. यह परियोजना प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एकीकृत परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है. बाईपास एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन तक जाएगा. इस परियोजना की कुल लागत 1,878.31 करोड़ रुपये है. साथ ही तिरुपति-पाकला-कटपडी सिंगल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी. इस परियोजना पर 1,332 करोड़ रुपये खर्च होगा और इसका उद्देश्य रेलवे की लाइन क्षमता को बढ़ाकर ट्रेनों की गति और सेवा को सुधारना है. इसके अलावा कैबिनेट ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जल प्रबंधन का आधुनिकीकरण योजना को भी मंजूरी दी है. इस योजना को 2025-2026 की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है, और इसकी प्रारंभिक कुल लागत 1,600 करोड़ रुपये है. इस परियोजना का उद्देश्य मौजूदा सिंचाई नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और किसानों को सूक्ष्म सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना है.
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