केंद्र सरकार ने 2,781 करोड़ रुपए के मल्टीट्रैकिंग रेलवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी

New Delhi, 26 नवंबर . Prime Minister Narendra Modi की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने Wednesday को 2,781 करोड़ रुपए के मल्टीट्रैकिंग रेलवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी.

इन रेलवे प्रोजेक्ट्स की लंबाई 224 किलोमीटर होगी और यह Maharashtra एवं Gujarat के चार जिलों में फैले होंगे.

कैबिनेट कमेटी ने कहा कि इन दो प्रोजेक्ट्स में देवभूमि द्वारका (ओखा)-कनालूस लाइन के 141 किलोमीटर लंबे हिस्से का दोहरीकरण और बदलापुर-कर्जत तीसरी और चौथी लाइन के 32 किलोमीटर लंबे हिस्से का दोहरीकरण शामिल है.

कनालुस से ओखा (देवभूमि द्वारका) तक मंजूर दोहरीकरण से द्वारकाधीश मंदिर तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे मुख्य तीर्थस्थल तक पहुंच आसान होगी और सौराष्ट्र इलाके के विकास में मदद मिलेगी.

वहीं, बदलापुर-कर्जत सेक्शन Mumbai सबअर्बन कॉरिडोर का हिस्सा है, इसलिए तीसरी और चौथी लाइन का प्रोजेक्ट Mumbai सबअर्बन इलाके में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और यात्रियों की भीड़ को कम करने में मदद करेगा, साथ ही दक्षिणी India से भी कनेक्टिविटी देगा.

यह मार्ग कोयला, नमक, कंटेनर, सीमेंट, पीओएल जैसी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण रूट है. क्षमता बढ़ाने के इन कार्यों से रेलवे पर अतिरिक्त 18 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की माल ढुलाई होगी.

मंजूर मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट से लगभग 585 गांवों तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिनकी आबादी लगभग 32 लाख है.

रेलवे परिवहन का एक पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल साधन होने के कारण, देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, दोनों में मदद करेगा. इन प्रोजेक्ट्स से प्रति वर्ष तेल आयात (3 करोड़ लीटर) में कमी आएगी, कार्बन डाइऑक्साइड (16 करोड़ किलोग्राम) उत्सर्जन कम होगा. उत्सर्जन में यह कमी 64 लाख (चौसठ लाख) पेड़ों के रोपण के बराबर है.

Government की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बढ़ी हुई लाइन क्षमता भारतीय रेलवे के लिए मोबिलिटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी, जिसके परिणामस्वरूप परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा. ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव रेल संचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. ये प्रोजेक्ट्स Prime Minister Narendra Modi जी के ‘नए भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में व्यापक विकास करना है. इस विकास के माध्यम से, ये प्रोजेक्ट्स स्थानीय लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएंगे, जिससे रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

एबीएस/