New Delhi, 15 अगस्त . केंद्र ने Friday को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर निजी वाहनों के लिए फास्टैग-बेस्ड एनुअल टोल पास की शुरुआत की. इस एनुअल पास की कीमत 3,000 रुपए है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संचालित टोल प्लाजा पर कार, जीप और वैन इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
यह पास एक्टिवेशन से एक वर्ष या 200 टोल ट्रिप, जो भी पहले हो, के लिए वैध है. सीमा पूरी होने पर, फास्टैग स्वचालित रूप से स्टैंडर्ड पे पर-ट्रिप मोड में बदल जाता है.
पॉइंट-बेस्ड टोल प्लाजा के लिए हर एक-तरफा क्रॉसिंग को एक ट्रिप और वापसी को दो ट्रिप माना जाता है. क्लोज्ड और टिकट सिस्टम में प्रवेश से निकास तक की पूरी यात्रा को एक ट्रिप माना जाता है.
केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहन ही इस पास के लिए पात्र हैं और यह केवल निजी उपयोग के लिए रजिस्टर्ड कारों, जीप और वैन को ही दिया जाएगा.
यह एनएचएआई और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रबंधित राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर मान्य है. राज्य राजमार्गों के टोल प्लाजा तब तक इसके दायरे में नहीं आते जब तक कि उन्हें केंद्रीय फास्टैग सिस्टम में इंटीग्रेट नहीं किया जाता.
पास खरीदने के लिए वाहन मालिकों के पास विंडस्क्रीन पर लगा एक एक्टिव फास्टैग होना चाहिए, जो उनके रजिस्ट्रेशन नंबर से जुड़ा हो.
उन्हें पास खरीदने से ब्लैकलिस्ट नहीं किया जाना चाहिए. कुछ फास्टैग्स विशेष रूप से नए वाहनों के लिए जारी किए गए, केवल वाहन के चेसिस नंबर के साथ रजिस्टर्ड हो सकते हैं. ऐसे फास्टैग पर एनुअल पास एक्टिव नहीं किया जा सकता है और उन्हें पूरा वाहन रजिट्रेशन नंबर शामिल करने के लिए अपडेट किया जाना चाहिए.
पास राजमार्ग यात्रा मोबाइल ऐप, एनएचएआई या सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट या अधिकृत फास्टैग जारीकर्ता पोर्टल के माध्यम से खरीदा जा सकता है.
पास का भुगतान (3,000 रुपए) यूपीआई, डेबिट या क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है. इस उद्देश्य के लिए फास्टैग वॉलेट बैलेंस का उपयोग नहीं किया जा सकता है. एक्टिवेशन आमतौर पर दो घंटे के भीतर पूरा हो जाता है और एसएमएस द्वारा पुष्टि की जाती है.
एक यात्री वाहन के लिए औसत टोल लगभग 50 रुपए है. बिना पास के साल में 200 चक्कर लगाने पर लगभग 10,000 रुपए का खर्च आएगा. एनुअल पास के साथ, यह शुल्क 3,000 रुपए निर्धारित है, जिससे हाईवे पर यात्रा करने वालों को लगभग 7,000 रुपये की बचत होगी.
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एसकेटी