नई दिल्ली, 22 मार्च . विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चुनाव आयोग से मिला और कहा कि पूरा देश आज सत्तारूढ़ दल द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग का शिकार हो रहा है.
प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, अभिषेक मनु सिंघवी और तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन शामिल थे. इन लोगों ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार को एक ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में कहा गया है, “सत्ता में एक पार्टी द्वारा सरकारी मशीनरी का इस तरह का दुरुपयोग, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सीधा खतरा है. वे हमारे लोकतंत्र के मूल, अर्थात् स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को पूरी तरह से नष्ट कर देंगे.”
उन्होंने सीईसी से यह सुनिश्चित करने के लिए एक परिपत्र जारी करने का अनुरोध किया कि आगे से कोई छापेमारी, जांच और गिरफ्तारी को पहले चुनाव आयोग या उसके द्वारा गठित समिति से जांचा और अनुमोदित किया जाए.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए ज्ञापन में कहा गया, “उन सभी व्यक्तियों और अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने सहित तत्काल कार्रवाई करें, जिन्होंने विपक्ष के नेताओं को परेशान करने के लिए अपने कार्यालयों का दुरुपयोग किया है.”
“संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की गिरफ़्तारी का स्पष्ट उद्देश्य उनके राज्यों के मामलों के साथ-साथ लोकतांत्रिक कामकाज पर हानिकारक प्रभाव डालना है.”
“ये गिरफ्तार व्यक्ति — एक आम आदमी पार्टी के और दूसरे झारखंड मुक्ति मोर्चा के निर्वाचित नेता हैं, जिन्होंने हमारे समाज के हाशिये पर मौजूद लोगों के हितों की वकालत की है, जिनमें आदिवासी समुदायों से जुड़े हमारे भाई-बहन भी शामिल हैं.“
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