केंद्र ने बिजली, ऊर्जा और बैंकिंग जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर में 9,700 से ज्यादा साइबर सुरक्षा ऑडिट किए

New Delhi, 27 जुलाई . केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी- इन) और नेशनल क्रिटिकल इंफोर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआईआईपीसी) ने मिलकर देश भर में बिजली, ऊर्जा और बीएफएसआई जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 9,798 सुरक्षा ऑडिट किए हैं.

Government, India के डिजिटल और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए साइबर खतरों के प्रति सचेत है.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में कहा, “India Government की नीतियों का उद्देश्य सभी यूजर्स के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह साइबरस्पेस सुनिश्चित करना है. बिजली, परिवहन या बैंकिंग जैसे क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्बाध और सुरक्षित संचालन के लिए कई पहल की गई हैं.”

सीईआरटी-इन ने इन ऑडिट के लिए 200 साइबर सुरक्षा संगठनों को सूचीबद्ध किया है.

साइबर एजेंसी स्टेट/सेक्टोरल कंप्यूटर सिक्योरिटी इंसीडेंट रिस्पॉन्स टीम्स (सीएसआईआरटी) की स्थापना के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी करती है.

सेक्टर-स्पेसिफिक सीएसआईआरटी, जैसे फाइनेंस सेक्टर में सीएसआईआरटी (सीएसआईआरटी-फिन) और पावर सेक्टर में सीएसआईआरटी (सीएसआईआरटी-पावर), साइबर सुरक्षा मुद्दों के समन्वय और संबंधित क्षेत्रों में साइबर मजबूती बढ़ाने के लिए कार्यरत हैं.

राज्य मंत्री ने कहा कि सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने विदेशी समाधानों पर निर्भरता कम करने के लिए मोबाइल सुरक्षा, फोरेंसिक, लॉग कलेक्शन और विश्लेषण आदि में कई स्वदेशी साइबर सुरक्षा उपकरण विकसित किए हैं.

सीईआरटी-इन ने साइबर हमलों और साइबर आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सभी Governmentी निकायों के लिए एक साइबर क्राइसिस मैनेजमेंट प्लांट (सीसीएमपी) तैयार की है. सीसीएमपी साइबर संकट से उबरने में समन्वय और मजबूती बढ़ाने के लिए रणनीतिक ढांचा प्रदान करता है.

इसके अतिरिक्त, स्टेट/सेक्टोरल लेवल क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान के विकास और कार्यान्वयन में सहायता के लिए दिशानिर्देश दस्तावेज और टेम्पलेट प्रकाशित किए गए हैं.

सीईआरटी-इन नियमित रूप से Governmentी निकायों और प्रमुख संगठनों के लिए वर्कशॉप आयोजित करता है ताकि उन्हें साइबर सुरक्षा खतरे के परिदृश्य के बारे में जागरूक किया जा सके और उन्हें सीसीएमपी तैयार करने और उसे लागू करने में सक्षम बनाया जा सके. अब तक ऐसी 205 सीसीएमपी वर्कशॉप आयोजित की जा चुकी हैं.

एसकेटी/