नई दिल्ली, 1 जुलाई . केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को तमिलनाडु में नेशनल हाइवे (एनएच-87) के परमकुडी-रामनाथपुरम सेक्शन (46.7 किमी) के निर्माण को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना को हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) पर विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 1,853 करोड़ रुपए होगी.
वर्तमान में, मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच संपर्क मौजूदा 2-लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग 87 (एनएच-87) और संबंधित राज्य राजमार्गों पर निर्भर है, जो खासकर घनी आबादी वाले इलाकों के साथ प्रमुख शहरों में यातायात की अधिकता के कारण काफी भीड़भाड़ का सामना कर रहे हैं.
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, यह परियोजना परमकुडी से रामनाथपुरम तक एनएच -87 के लगभग 46.7 किमी हिस्से को 4-लेन कॉन्फिगरेशन में अपग्रेड करेगी.
इससे मौजूदा गलियारे में भीड़भाड़ कम होगी, सुरक्षा में सुधार होगा और परमकुडी, सथिराकुडी, अचुंदनवयाल और रामनाथपुरम जैसे तेजी से बढ़ते शहरों की आवागमन संबंधी जरूरतें पूरी होंगी.
परियोजना का एलाइनमेंट 5 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच -38, एनएच -85, एनएच -36, एनएच -536, और एनएच -32) और 3 राज्य राजमार्गों (एसएच -47, एसएच -29, एसएच -34) के साथ जुड़ा है, जो दक्षिणी तमिलनाडु में प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक्स नोड्स को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करता है.
इसके अतिरिक्त, उन्नत गलियारा 2 प्रमुख रेलवे स्टेशनों (मदुरै और रामेश्वरम), 1 हवाई अड्डे (मदुरै) और 2 छोटे बंदरगाहों (पम्बन और रामेश्वरम) से जुड़कर बहु-मॉडल एकीकरण को बढ़ाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में माल और यात्रियों की तेज आवाजाही की सुविधा होगी.
परियोजना के पूरा होने पर परमकुडी-रामनाथपुरम सेगमेंट क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, प्रमुख धार्मिक और आर्थिक केंद्रों के बीच संपर्क को मजबूत करेगी, रामेश्वरम और धनुषकोडी में पर्यटन को बढ़ावा देगी और व्यापार और औद्योगिक विकास के लिए नए रास्ते खोलेगी.
यह परियोजना लगभग 8.4 लाख व्यक्ति-दिन प्रत्यक्ष और 10.45 लाख व्यक्ति-दिन अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी और आसपास के क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी.
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एबीएस/