मुंबई, 26 जनवरी . सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) का मुनाफा वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 21.5 प्रतिशत बढ़कर 130 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी को 107 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी सर्विस कंपनी की कुल आय अक्टूबर-दिसंबर अवधि में 298 करोड़ रुपये रही है, जो कि वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में 236 करोड़ रुपये थी.
सीडीएसएल ने घोषणा की कि वह 31 दिसंबर, 2024 तक 14.65 करोड़ से अधिक डीमैट खाते पंजीकृत करने वाली पहली डिपॉजिटरी बन गई है. चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान लगभग 92 लाख नए डीमैट खाते खोले गए.
सीडीएसएल इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रतिभूतियों को रखने और उनका लेन-देन करने के लिए भारत की अग्रणी डिपॉजिटरी है. यह स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेडों के निपटान की सुविधा भी प्रदान करती है.
जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही में सीडीएसएल में रिकॉर्ड 1.09 करोड़ डीमैट अकाउंट्स का पंजीकरण हुआ था. इससे कुल डीमैट अकाउंट की संख्या 11.56 करोड़ पर पहुंच गई थी. भारत में डीमैट खातों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 3.26 करोड़ से अधिक नए डीमैट खाते खोले गए थे.
डीमैट खातों में वृद्धि खुदरा निवेशकों की शेयर बाजार में निरंतर रुचि का संकेत है.
डीमैट एक डिजिटल खाता है जिसमें स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और ईटीएफ जैसी प्रतिभूतियां रखी जाती हैं. यह बैंक खाते जैसा ही है, लेकिन इसमें पैसे की जगह वित्तीय प्रतिभूतियां रखी जाती हैं.
डीमैट खाते का फायदा यह है कि यह सुरक्षित है और चोरी या जालसाजी का कोई जोखिम नहीं होता है. यह सुविधाजनक भी है क्योंकि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन डीमैट खाता खोल सकता है और मोबाइल ऐप या नेटबैंकिंग के माध्यम से इसे एक्सेस कर सकता है.
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एबीएस/