रांची, 26 जून . सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को कस्टडी में लिया है. टीम ने हजारीबाग में उनसे घंटों पूछताछ की और इसके बाद उन्हें अपने साथ लेकर रवाना हो गई.
हालांकि, सीबीआई ने फिलहाल आधिकारिक तौर पर कोई वक्तव्य नहीं दिया है. एहसान उल हक को एनटीए ने नीट-यूजी परीक्षा के लिए हजारीबाग में सिटी कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया था. उन्हें हजारीबाग शहर के चार परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचाने और नियमों के अनुसार परीक्षा संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गई थी.
इसके पहले पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) टीम ने पटना के रामकृष्ण नगर क्षेत्र से अधजला प्रश्न पत्र बरामद किया था. इस प्रश्न पत्र के सीरियल नंबर की जांच से पता चला कि यह हजारीबाग के मंडई रोड में ओएसिस स्कूल स्थित एग्जाम सेंटर का है.
इस मामले की जांच शुरू करने के बाद सीबीआई की टीम मंगलवार को हजारीबाग पहुंची. इस टीम ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से उनके घर और स्कूल में मंगलवार और बुधवार को पूछताछ की. बाद में सीबीआई टीम उन्हें अपने साथ लेकर रवाना हो गई. सीबीआई की टीम ने बुधवार को एसबीआई के हजारीबाग स्थित उस ब्रांच के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले हैं, जहां प्रश्न पत्र रखे गए थे. यहां के अफसरों से भी पूछताछ की गई है.
इसके पहले बिहार ईओयू की जांच में यह बात सामने आई थी कि हजारीबाग में प्रश्न पत्र कूरियर कंपनी के एक रिमोट एरिया स्थित सेंटर पर पहुंचे थे और इसके बाद प्रश्न पत्रों के ट्रंक बैंक तक ई-रिक्शा से पहुंचाए गए थे. बैंक में भी प्रश्न पत्रों को रिसीव करने से लेकर उनके रखरखाव में लापरवाही की बात कही जा रही है.
सूचना है कि सीबीआई की टीम जल्द ही रांची और देवघर भी पहुंच सकती है. ईओयू की जांच में यह बात सामने आई है कि प्रश्न पत्रों को सॉल्व करने वाला गैंग रांची से ऑपरेट किया जा रहा था. यहां मेडिकल पीजी के स्टूडेंट्स से प्रश्न पत्रों को हल करवाकर पटना भेजा गया था. इस मामले में ईओयू ने झारखंड के देवघर शहर से छह युवकों को हिरासत में लिया था. बाद में इनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया. सभी युवक बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं, जो देवघर में मजदूर बनकर किराए के मकान में रह रहे थे.
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एसएनसी/एबीएम