नई दिल्ली, 26 फरवरी . केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 25 और 26 फरवरी को देशभर में की गई छापेमारी के दौरान गेन बिटकॉइन घोटाले घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य और वर्चुअल डिजिटल संपत्तियां जब्त की हैं, जिससे क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के स्तर का और खुलासा हुआ है.
इस संबंध में मंगलवार को सीबीआई ने दिल्ली, पुणे, नांदेड़, कोल्हापुर, मुंबई, बेंगलुरु, चंडीगढ़, मोहाली, झांसी और हुबली सहित प्रमुख शहरों में 60 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी गेन बिटकॉइन घोटाले की जांच का हिस्सा थी, जिसे 2015 में अमित भारद्वाज (जो अब मृतक हैं) और उनके भाई अजय भारद्वाज तथा अन्य सहयोगियों द्वारा शुरू किया गया था. इस धोखाधड़ी योजना ने निवेशकों को 18 महीने तक बिटकॉइन निवेश पर 10 फीसदी मासिक रिटर्न का वादा किया था.
इस योजना में निवेशकों को रेफरल के लिए आकर्षक कमीशन दिए जाते थे. शुरुआत में बिटकॉइन के माध्यम से भुगतान किए गए थे, लेकिन 2017 में योजना के धराशायी होने के बाद, भुगतान एक इन-हाउस क्रिप्टोकरेंसी एमसीएपी में बदल दिए गए, जिसकी मूल्य बहुत कम थी, जिससे निवेशकों के साथ और धोखाधड़ी की गई.
सीबीआई ने छापेमारी के दौरान 23.94 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी, कई हार्डवेयर क्रिप्टो वॉलेट, 121 दस्तावेज, 34 लैपटॉप/हार्ड डिस्क, 12 मोबाइल फोन, कई ईमेल और इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप डंप्स बरामद किए. ये जब्त दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण वर्तमान में विश्लेषण के तहत हैं, ताकि धन के गबन और संभावित अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके.
सीबीआई ने गेन बिटकॉइन घोटाले की निष्पक्ष और व्यापक जांच करने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है. इस मामले में सीबीआई की जांच जारी है, सीबीआई के अधिकारी इस मामले की सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रहे हैं.
बता दें कि यह घोटाला निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाने वाला था और इस मामले में सीबीआई ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. अब तक की जानकारी के अनुसार, इस धोखाधड़ी में कई लोग प्रभावित हुए हैं.
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