कोलकाता, 25 अगस्त . विवादों में घिरे कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के डेमोंस्ट्रेटर को रविवार को अपने निजाम पैलेस स्थित कार्यालय ले गये.
सीबीआई अधिकारियों की एक टीम आज सुबह कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित केस्टोपुर में देबाशीष शोम के आवास पर पहुंची और वहां करीब आठ घंटे तक चली छापेमारी और तलाशी अभियान के बाद उन्हें अपने साथ ले गई.
खबर लिखे जाने तक यह स्पष्ट नहीं था कि शोम को गिरफ्तार किया गया है या सिर्फ पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी माने जाने वाले शोम का नाम अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर याचिका में लिया था. अली ने ही अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के बारे में सबसे पहले आवाज उठाई थी.
वास्तव में, अली की याचिका पर ही कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने पिछले शुक्रवार को सीबीआई को मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था.
सीबीआई इस मामले की विभिन्न कोणों से जांच कर रही है, जिसमें जांच का मुख्य फोकस घोष पर है.
शोम और घोष के अलावा अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक और उप प्राचार्य संजय वशिष्ठ और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता बिप्लब सिन्हा भी मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों की नजर में हैं. घोष से सीबीआई की विशेष अपराध इकाई के अधिकारी 16 अगस्त से लगातार नौ दिन तक पूछताछ कर चुके हैं.
इस महीने की शुरुआत में आर.जी. कर अस्पताल की एक महिला जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में उनसे पूछताछ की जा रही है. औसतन उनसे रोजाना 12 से 14 घंटे पूछताछ की गई.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अधिकारी अब दोनों मामलों के बीच संबंध खोज रहे हैं. पहला मामला बलात्कार और हत्या का है, और दूसरा मामला वित्तीय अनियमितताओं का. घोष से पूछताछ के लिए सीबीआई की विशेष अपराध इकाई के अधिकारी 16 अगस्त से लगातार नौ दिन तक पूछताछ कर चुके हैं.
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एकेजे/