भुवनेश्वर, 22 अक्टूबर . Odisha के Chief Minister मोहन चरण माझी ने Police सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के आदेश जारी कर दिए हैं. यह फैसला विपक्षी दलों की लगातार मांग और अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शनों के बीच आया है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में संगठित अपराध सिंडिकेट का हाथ होने के प्रारंभिक संकेत मिले हैं, जिसके तार आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ तक फैले हुए हैं. यह घोटाला तब सामने आया जब 30 सितंबर को Odisha Police भर्ती बोर्ड (ओपीआरबी) ने 5-6 अक्टूबर को निर्धारित लिखित परीक्षा को स्थगित कर दिया.
परीक्षा से ठीक पहले गंजम जिले के बेरहमपुर में Police ने 117 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें 114 अभ्यर्थी और तीन मध्यस्थ शामिल थे. आरोप है कि अभ्यर्थियों को 10-15 लाख रुपए की रिश्वत लेकर आंध्र प्रदेश ले जाया जा रहा था, जहां लीक हुए प्रश्नपत्रों के आधार पर ‘ट्रेनिंग’ दी जाती. क्राइम ब्रांच-सीआईडी ने जांच संभाली, जिसमें चार मुख्य साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. हाल ही में 16 अक्टूबर को मुख्य साजिशकर्ता संकर प्रुस्ती के दो सहयोगियों को भी पकड़ा गया.
क्राइम ब्रांच ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि यह एक संगठित सिंडिकेट का काम है, जो परीक्षा प्रक्रिया को सबोटेज करने के लिए सक्रिय था. ओपीआरबी ने परीक्षा का जिम्मा आईटीआई लिमिटेड (केंद्रीय पीएसयू) को सौंपा था, जिसने आगे सिलिकॉन टेकलैब और पंचसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज को सब-कॉन्ट्रैक्ट कर दिया. संकर प्रुस्ती, जो इन कंपनियों से जुड़ा है, मुख्य आरोपी है. उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की प्रक्रिया चल रही है. जांच में बणिक कोचिंग सेंटर जैसे संस्थानों पर छापे भी पड़े, जहां ऑनलाइन परीक्षा केंद्र संदिग्ध पाए गए.
Chief Minister माझी ने कहा, “यह घोटाला न केवल अभ्यर्थियों की मेहनत पर प्रहार है, बल्कि पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है. सीबीआई जांच से हर दोषी को सजा मिलेगी.” विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजेडी), कांग्रेस, और सीपीआई(एम) ने क्राइम ब्रांच को ‘अक्षम’ बताते हुए सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की.
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एससीएच