नई दिल्ली, 6 फरवरी . केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आयकर विभाग के एक डिप्टी कमिश्नर, दो इंस्पेक्टर और पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) समेत नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इन आरोपियों पर सरकार द्वारा शुरू की गई ‘फेसलेस असेसमेंट योजना’ के उद्देश्य को निरर्थक करने का आरोप है.
केंद्र सरकार ने करदाताओं और अर्थव्यवस्था के लाभ के लिए प्रत्यक्ष कर प्रशासन में भविष्योन्मुखी सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की है. ‘फेसलेस असेसमेंट योजना’ इसी का हिस्सा है, जिसमें करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच कोई ह्यूमन कॉन्टैक्ट नहीं होता है. इस योजना को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि करदाता को यह पता नहीं चलता कि असेसमेंट या अपीलीय अधिकारी कौन हैं.
सीबीआई ने बताया कि इस प्रणाली के उद्देश्य को निरर्थक करने के लिए कुछ आयकर अधिकारियों के साथ सक्रिय सहयोग और आपराधिक साजिश में शामिल सीए का एक ग्रुप अनधिकृत रूप से और गुपचुप तरीके से करदाताओं को कर निर्धारण अधिकारियों/अपीलीय अधिकारियों के नाम बता रहा था. इसके साथ ही, वे लंबित असेसमेंट या अपील मामलों और उच्च रिफंड मामलों से संबंधित संवेदनशील आयकर डेटा का गलत तरीके से उपयोग कर संबंधित करदाता या उसके सीए से आर्थिक लाभ के लिए संपर्क कर रहे थे.
इन आरोपियों द्वारा दी गई जानकारी से करदाता को कर निर्धारण/अपीलीय अधिकारी से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क करने में सुविधा होती है. इस प्रकार, आरोपी भारत सरकार द्वारा लाई गई ‘फेसलेस असेसमेंट योजना’ को विफल करने का प्रयास कर रहे थे.
इस सिलसिले में सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली, मुंबई, ठाणे, पश्चिम चंपारण, बेंगलुरु, कोट्टायम (केरल) आदि 18 स्थानों पर तलाशी ली. तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, अनुचित रिश्वत के भुगतान के साक्ष्य और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद किएगए. फिलहाल, जांच जारी है.
–
एफजेड/एकेजे