नई दिल्ली, 24 मई . केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2014 के एक बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित और भगोड़ा अपराधी अंगद सिंह चंडोक को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कराने में सफलता हासिल की है. चंडोक पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप हैं. सीबीआई ने इंटरपोल के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.
सीबीआई के अनुसार, अंगद सिंह चंडोक ने अपने पिता सुरेंद्र सिंह, माता हरलीन कौर और भाई हरसाहिब सिंह के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों और चार अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची. इस साजिश के तहत उन्होंने बैंक के साथ धोखाधड़ी की, जिससे बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ. यह मामला 24 जुलाई 2014 को दर्ज किया गया था.
2016 में चंडोक और उनके परिवार के सदस्य कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए थे. इसके बाद, उन्हें अदालत द्वारा ‘भगोड़ा अपराधी’ घोषित किया गया और उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. सीबीआई ने 22 मार्च 2017 को इंटरपोल के माध्यम से चंडोक के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया, जिसे वैश्विक स्तर पर सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा गया. सीबीआई ने इंटरपोल के सहयोग से चंडोक की लगातार निगरानी की और उसकी लोकेशन का पता लगाया.
सीबीआई के रेड नोटिस के आधार पर अंगद सिंह चंडोक को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर 23 मई 2025 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया. वहां सीबीआई ने उसे हिरासत में लिया. कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद चंडोक को गिरफ्तार कर संबंधित अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
सीबीआई अब इस मामले में शामिल चंडोक के परिवार के अन्य सदस्यों को वापस लाने के लिए प्रयास कर रही है. जांच एजेंसी का कहना है कि मुख्य सह-साजिशकर्ता की वापसी से इस मामले में मुकदमे को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
भारत में इंटरपोल के लिए नोडल एजेंसी के रूप में सीबीआई दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करती है. वर्ष 2021 से अब तक सीबीआई ने इंटरपोल के सहयोग से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत प्रत्यर्पित करवाया है. यह सफलता सीबीआई की वैश्विक स्तर पर अपराधियों को पकड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
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एसएचके/एकेजे