नई दिल्ली, 28 अप्रैल . केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया है कि वे काले धन और कर चोरी के खिलाफ अभियान तेज करें और अनरिपोर्टेड और अंडर-रिपोर्टेड व्यवसायों को कर के दायरे में लाने के लिए एक समयबद्ध रणनीति बनाएं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीबीडीटी को चालू वित्त वर्ष के दौरान 2.4 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाने की उम्मीद है.
एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग के प्रत्येक क्षेत्राधिकार को 31 जुलाई तक कम से कम एक बड़ी तलाशी और जब्ती कार्रवाई करने को कहा गया है. इसके अलावा, अगस्त 2025 से मार्च 2026 के बीच कम से कम दो अतिरिक्त तलाशी और जब्ती कार्रवाई करने के निर्देश हैं.
बोर्ड ने निर्देश दिया है कि कुल लक्ष्य का 60 प्रतिशत तलाशी और छापे जैसी घुसपैठ वाली पहलों के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए, जबकि 40 प्रतिशत गैर-घुसपैठ वाली जांच से आना चाहिए, जिसमें डेटा विश्लेषण और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस जानकारी शामिल है.
इस रणनीति के हिस्से के रूप में सीबीडीटी ने आयकर विभाग की इंवेस्टिगेशन विंग को उन क्षेत्रों पर केंद्रित, डेटा-बैक्ड रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है जो कर चोरी की संभावना में आते हैं और जिनमें पर्याप्त जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, ये क्षेत्र मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, माइनिंग, लिकर ट्रेड, इंटरनेशनल ट्रेड, हवाला, हेल्थकेयर, स्क्रैप डीलिंग और दूसरे अनरेगुलेटेड डोमेन तक फैले हो सकते हैं.
सीबीडीटी ने कहा कि उन सेक्टर्स की स्टडी किए जाने की तत्काल जरूरत है, जहां अनरिपोर्टेड और अंडर-रिपोर्टेड एक्टिविटी की मात्रा अधिक है.
यह नया कदम एक व्यापक योजना के तहत उठाया गया है, जिसके तहत डेटा की सीमित उपलब्धता के कारण कर अधिकारियों की नजर से बच निकलने वाले दुर्ग्राही व्यवसायों को कर के दायरे में लाया जाएगा और देश के राजस्व संग्रह को बढ़ाया जाएगा.
इस बीच, वित्त मंत्रालय के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह अपने लक्ष्य से अधिक हो गया है.
अनंतिम शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 11,82,875 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
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एसकेटी/केआर