हुल्लड़ मुरादाबादी : जिनकी रचनाएं सुनकर लोटपोट हो जाते थे लोग, समाज को भी दिखाया आईना
New Delhi, 11 जुलाई . ‘बहरों को फरियाद सुनाना, अच्छा है पर कभी-कभी. अंधों को दर्पण दिखलाना, अच्छा है पर कभी-कभी. ऐसा न हो तेरी कोई, उंगली गायब हो जाए. नेताओं से हाथ मिलाना, अच्छा है पर कभी-कभी.’ ये कविता है हुल्लड़ मुरादाबादी की. अपनी हास्य भरी रचनाओं और तीखे व्यंग्य से उन्होंने न केवल … Read more