‘भारतेंदु युग’ के लेखक प्रताप नारायण मिश्र ने हिंदी को दी नई पहचान, समाज सुधार और देशभक्ति के बने प्रतीक
New Delhi, 23 सितंबर . ‘निज हाथन सर्वसु खोय चुके कहं लौ दुख पै दुख ही भरिये, हम आरत भारतवासिन पै अब दीनदयाल दया करिये.’ हिंदी साहित्य के रत्नों में शुमार प्रताप नारायण मिश्र की ये पंक्तियां देशभक्ति और सामाजिक चेतना का प्रतीक हैं. प्रताप नारायण भारतेंदु युग के महत्त्वपूर्ण लेखक, कवि और पत्रकारों में … Read more