‘नीरा’ से लेकर ‘काकाबाबू’ तक, सुनील गंगोपाध्याय ने हर चरित्र को जीवंत कर दिया
नई दिल्ली, 7 सितंबर . बंगाल में साहित्य की छाप ऐसी है कि वो सिर्फ अमीर ही नहीं, बल्कि सभी वर्ग के लोगों के दिलों में भी है. वैसे तो कोलकाता की जमीन पर आपको हर तरफ किताबें देखने को मिल जाएंगी. उसे पढ़ने वालों की संख्या भी ज्यादा है. हो भी क्यों नहीं, क्योंकि … Read more