भारत की सामूहिक भावना का वर्णन करती है संविधान की प्रस्तावना : जेजीयू में संविधान दिवस व्याख्यान में गोपालकृष्ण गांधी
सोनीपत, 30 नवंबर . “भारतीय संविधान की प्रस्तावना दार्शनिक और राजनीतिक रूप से आशावादी और अद्वितीय है. यह हमें पुस्तकों की इस पुस्तक का लेखक, मालिक और प्राप्तकर्ता बनाता है. हम, भारत के लोग…यह अंग्रेजी में लिखा गया है, लेकिन गैर-अंग्रेजी भाषाओं में अनुवाद वास्तव में हमें बताता है कि हम कौन हैं (वयं भारतस्य … Read more