‘वैश्विक विकास के भारत के विजन के मूल में शांति, सस्टेनिबिलिटी’
नई दिल्ली, 23 मई . भारतीय उपमहाद्वीप में पिछले महीने तेजी से बदले भूराजनैतिक समीकरणों के बीच विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक विकास के लिए भारत के विजन के मूल में सस्टेनेबिलिटी, पारस्परिक सहयोग और महासागर आधारित समृद्धि है. कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडो-पैसिफिक स्टडीज के संस्थापक और मानद अध्यक्ष प्रोफेसर चिंतामणि महापात्रा ने … Read more